टोटल फिजिकल रिस्पांस |Total Physical Response | TPR |
टोटल फिजिकल रिस्पांस ( Total Physical Response ,TPR )यह एक शिक्षण विधि है जो भाषा अधिगम में शारीरिक गतिविधियों का उपयोग करती है । यह विधि प्रोफेसर जेम्स ऐशर द्वारा 1960 के दशक में विकसित की गई थी । TPR का मुख्य सिद्धांत यह है की भाषा अधिगम को शारीरिक गतिविधियों के माध्यम से अधिक प्रभावी और स्वाभाविक बनाया जा सकता है । TPR मैं शिक्षक किसी विशेष क्रिया का आदेश देते हैं,( जैसे 'खड़े हो जाओ', 'बैठ जाओ' ) और छात्र उन आदेशों का पालन शारीरिक रूप से करते हैं यह प्रक्रिया छात्रों को शब्दों और उनके अर्थों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करती है, जिससे वे अधिक आसानी से और तेजी से नई भाषा सीख सकते हैं। TPR के तहत शिक्षक शब्दों और वाक्य को क्रियो के साथ जोड़कर छात्रों को सिखाते हैं जिस भाषा सीखना आसान और मजेदार हो जाता है।
TPR के लाभ:-
1.स्वाभाविक क्रिया- आधारित अधिगम:- यह बच्चों द्वारा अपनी मातृभाषा सीखने की प्रक्रिया के समान है, जिसमें वे सुनते हैं और शारीरिक प्रतिक्रिया देते हैं। शिक्षक छात्रों को इन क्रियो को करने के आदेश देते हैं जैसे शिक्षक कहते हैं 'खड़े हो जाओ' 'बैठ जाओ' या 'दरवाजा खोलो'। छात्र शिक्षकों द्वारा दिए गए इन आदेशों का पालन करते हैं और संबंधित शारीरिक क्रियाओ को करते हैं। इससे छात्रों को शब्दों और उनके अर्थों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद मिलती है। TPR विधि भाषा सीखने को स्वाभाविक और सहज बनती है।
2.मनोवैज्ञानिक:- शारीरिक गतिविधियां तनाव और चिंता को काम करती हैं जिससे छात्रा अधिक आराम से सीख सकते हैं।
3.याददाश्त:- शारीरिक क्रियाओ के साथ शब्दों को जोड़ने से उन्हें याद रखने में आसानी होती है। टीपीआर विधि बच्चों की स्मरण शक्ति को मजबूत बनाती है।
4.मजेदार व संलग्न:- यह विधि कक्षा को अधिक इंटरएक्टिव और मजेदार बनती है, जिससे छात्रों की रुचि बढ़ती है। शारीरिक गतिविधियां छात्रों को चिंता और तनाव को काम करती है जिसे भी अधिक आराम से और आत्मविश्वास के साथ सीख सकते हैं टीपीआर एक मजेदार पढ़ती है जो छात्रों की सहयोगिता को बढ़ाती है।
5. विभिन्न आयु वर्ग के लिए :- TPR विशेष रूप से छोटे बच्चों और शुरुआती इस तरह के भाषा विद्यार्थियों के लिए प्रभावी मानी जाती है लेकिन इसे सभी आयु समूह के लिए अनुकूलित किया जा सकता है।
TPR का उपयोग कैसे करे:-
1. शिक्षक के प्रारंभिक चरण में:- शिक्षक सरल और सामान्य क्रियो से शुरू कर सकते हैं उदाहरण के लिए शिक्षक छात्रों से 'खड़े हो जाओ', 'हाथ उठाओ' व इसी तरह की अन्य क्रियाएं करवा सकते हैं ।
2. प्रगति के साथ जटिलता में वृद्धि:- जैसे-जैसे छात्र भाषा में प्रगति करते हुए आगे जाते हैं क्रियो और आदेशों की जटिलता बढ़ाई जाती है। उदाहरण के लिए 'दरवाजा खोलो और बाहर जाओ', ।
3. रचनात्मक व विविधता:- शिक्षक विभिन्न गतिविधियों और खेलों के माध्यम से टीपीआर को मजेदार और इंटरएक्टिव बना सकते हैं । उदाहरण के लिए समूह क्रियाएं, नाटक और कहानी सुनाना।
निष्कर्ष:-
टोटल फिजिकल रिस्पांस या टीपीआर एक प्रभावी और काफी मजेदार शिक्षण की पद्धति है, जो भाषा अधिगम को स्वाभाविक, तनाव मुक्त और यादगार बनती है । शारीरिक क्रियाओ के साथ सीखने से छात्रों को शब्दों और उनके अर्थों को बेहतर तरीके से समझने और याद रखने में मदद मिलती है। टीपीआर का उपयोग विभिन्न शिक्षण परिस्थितियों में किया जा सकता है, जिससे यह एक बहुमुखी और मूल्यवान शिक्षण उपकरण बन जाता है।
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