FLN क्या है एवं इसके उद्देश्य । FLN Kya He । Full Form । बुनियादी साक्षरता |

FLN क्या हे ( Full Form )

FLN कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy) का एक घटक है,इसे निपुण भारत मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा है । FLN का शाब्दिक अर्थ है बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (foundation literacy and numeracy )    इसका प्रमुख उद्देश्य हे 2025-26 तक 3 वर्ष से लेकर 8 वर्ष आयु तक वाले सभी बच्चों का समग्र विकास करना, बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करना, बच्चों को पढ़ने लिखने और समझने के साथ ही गणितीय गणना में दक्षता हासिल करना, बच्चों को मजबूत बुनियादी शिक्षा देना जो कि उनके भविष्य की सफलता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । FLN कार्यक्रम में आनंद आधारित सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है, बच्चों को सीखने के लिए कहानी, गीत, नृत्य, टीएलएम एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से रोचक बनाने का प्रयास किया जाता है । यह सब करने का उद्देश्य बच्चों में रुचि पैदा करना होता है एवं इससे बच्चे बेहतर समझ पाते हैं । FLN मिशन भारत के सभी राज्यों में लॉन्च किया गया है । 

कब से लागू किया :निपुण भारत योजना  योजना के अंतर्गत FLN को पूरे भारत में 5 जुलाई 2021 को लागू किया गया ।

उद्देश्य :-

1. कक्षा-3 तक के बच्चों को जिनकी आयु 3 से 8  वर्ष तक के बच्चों को भाषा एवं गणित की शिक्षा देना ।

2. बच्चों को समावेशी शिक्षा देना ।

3. कौशल विकास पर विशेष जोर देना।

4. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना ।

5. कक्षा 3 तक के बच्चों को लिखने पढ़ने में दक्ष करना ।

6. गणितीय एवं भाषाई कौशल का विकास करना । 

7. दैनिक जीवन के साथ जोड़कर शिक्षण ।

8. गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा देना ।

9. सरल एवं स्थानीय भाषा में शिक्षा देना ।

10. शाला में घर एवं पारिवारिक माहौल प्रदान करना ।

11. गुणवत्ता पूर्ण शिक्षण सामग्री (TLM)के माध्यम से शिक्षा देना ।

लक्ष्य:- विद्यालय के समस्त बच्चो द्वारा 2025-26  तक यह लक्ष्य प्राप्त करना | 

भाषा का लक्ष्य 

बालवाटिका -अक्षरों एवं संगत ध्वनिओं को पहचान लेते हे | 2 से 3 अक्षरों से बने शब्द पढ़ लेते हैं ।

कक्षा-1 - अर्थ के साथ पढ़ लेते हैं। ऐसे छोटे वाक्य जो बच्चों की उम्र के अनुसार किसी अज्ञात पाठ का भाग हो, जिसमें 4-5 सरल शब्द हो को पढ़ लेते हैं ।

कक्षा-2  - आयु अनुरूप अपरिचित पाठ सामग्री को अर्थ के साथ 30-45 शब्द प्रति मिनट धारा प्रवाह के साथ पढ़ लेते हैं ।

कक्षा-3  - आयु अनुरूप अपरिचित पाठ सामग्री को अर्थ के साथ 45-60 शब्द प्रति मिनट धारा प्रवाह के साथ पढ़ लेते हैं ।

 गणित के लक्ष्य

बाल वाटिका-   10 तक के अंकों की पहचान कर लेते हैं एवं पढ़ लेते हैं व एक क्रम में घटनाओं की संख्या, वस्तुओं, आकृतियां, घटनाओं को व्यवस्थित कर लेते हैं ।

कक्षा-1  99 तक की संख्याओं को पढ व लिख लेते हैं | 9 तक सरल जोड़-घटाव कर लेते हैं |

कक्षा-2  999 तक की संख्या पढ व लिख लेते हैं 99 तक की संख्याओं का घटाव भी कर लेते हैं ।

कक्षा-3  9999 तक की संख्याएं पढ व लिख लेते हैं सरल गुणा  से संबंधित समस्याओं को भी हल कर लेते हैं |

FLN किस तरह से कार्य कर रहा है ?

यह मिशन कई स्तरों पर कार्य करता है कुछ स्तर इस प्रकार हैं ।

1. अध्यापक प्रशिक्षण- अध्यापकों के लिए FLN के पाठ्यक्रम को प्रभावी एवं उचित ढंग से पढ़ने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है उन्हें प्रशिक्षण ऑनलाइन निष्ठा प्रशिक्षण के माध्यम से दिया जा रहा है एवं ऑफलाइन भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।

2. पाठ्यक्रम एवं अन्य सामग्री का निर्माण /विकास -FLN के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम एवं शिक्षण सामग्री का विकास किया गया है एवं यह पाठ्यक्रम समस्त राज्यों में समान रूप से लागू होगा ।

3. अभिभावक जागरूकता- अभिभावकों के FLN के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है ।  साथ ही इसके महत्व को बताया जा रहा है एवं इसके साथ बच्चों को सीखने में मदद / सहायता करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है ।

4. सुविधाओं का विकास

-शालाओं में इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए बुनियादी सुविधाओं एवं ढांचे को भी सशक्त किया जा रहा है जैसे खेल का मैदान, पुस्तकालय, भवन, टॉयलेट इत्यादि ।

बुनियादी साक्षरता:-

बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान दोनों ही महत्वपूर्ण कौशल हैं । साक्षरता का अर्थ है किसी व्यक्ति की योग्यता और क्षमता की जांच जिसमें वह शब्दों और अंकों का सही रूप से प्रयोग कर सकता है । साक्षरता के दो प्रमुख पहलू होते हैं । पढ़ाई की क्षमता जिसे पठन साक्षरता  कहा जाता है । और लिखने की क्षमता जिसे लेखन साक्षरता  कहा जाता है । इन दोनों कौशलों की प्राप्ति ही व्यक्ति के जीवन में व्यापक और समृद्ध भूमिका निभाती है ।संख्या का ज्ञान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है । क्योंकि यह हमारे दैनिक जीवन में व्यावसायिक, वैज्ञानिक और व्यक्तिगत क्षेत्र में उपयोग होता है । यह ज्ञान हमें संख्यात्मक गणितीय समस्याओं का समाधान,  गणितीय कार्यों के लिए तैयार करता है । अतः साक्षरता और संख्या ज्ञान दोनों ही व्यक्ति की व्यक्तिगत एवं पेशेवर उन्नति में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं ।
बुनियादी भाषा व साक्षरता के घटक :- बुनियादी भाषा व साक्षरता के घटक निम्न हे |

1.मौखिक भाषा विकास :- 

 इसमें बातचीत के कौशल का विकास बेहतर रूप से सुनना एवं समझना और मौखिक शब्दावली का विकास शामिल है ।

मौखिक भाषा के अनुभव पढ़ने और लिखने के के कौशल विकसित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है |

2.डिकोडिंग:- 

इसमें प्रतिको और उनकी ध्वनियों के बीच संबंध को समझने व इनके आधार पर लिखित शब्दों को पढ़कर समझना शामिल है ।

3.धारा प्रवाह  पढ़ना:-

 पाठ को शुद्धता,उचित गति और समझ के साथ पढ़ने की क्षमता जो बच्चों को पाठ से अर्थ ग्रहण में मदद करता है।

4.समझ कर पढ़ना:-

पाठ से अर्थ का निर्माण और पढ़े गए पाठ पर चिंतन करना, समझकर पढ़ना होता है । इस घटक में पड़कर समझना, जानकारी

प्राप्त करने और पढ़े गए की व्याख्या करने की दक्षताएं भी शामिल होती हैं ।

5.लेखन :-  अक्षर और शब्दों को लिखने की क्षमता के साथ-साथ अभिव्यक्ति के लिए लिखना शामिल है ।

एफएलएन मिशन की आवश्यकता:-

1. बच्चे यदि प्रारंभ से ही पढ़ने लिखने में पीछे रह जाते हैं तो वह अन्य बच्चों की तुलना में पिछड़ जाते हैं ।

2. विद्यालय की प्राथमिक शिक्षा के विभिन्न स्तरों में बच्चों का खराब अधिगम स्तर आज एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है ।

3.NEP 2020 का यह मानना है कि इस संकट का समाधान करना अति आवश्यक है ।

4. सभी के लिए बुनियादी साक्षरता और संख्या का ज्ञान प्राप्त करने के लिए यह महत्वपूर्ण है

विज़न:- 2025 तक प्राथमिक स्तर की कक्षा में बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना ।उचित या सक्षम वातावरण का निर्माण करना ।

लक्ष्य व उद्देश्य:-

1.2025 तक प्राथमिक स्तर की कक्षा में सभी के लिए अथवा सार्वभौमिक बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी बच्चे पढ़ने लिखने और संख्या ज्ञान में कक्षा स्तर की दक्षता प्राप्त कर लें ।

2. गतिविधि आधारित शिक्षण अधिगम पर बल देकर बच्चों के दैनिक जीवन से संबंधित समावेशी कक्षा वातावरण सुनिश्चित करना ।

3. स्थानीय भाषा /मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण अधिगम सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।

4. कक्षा बार और विषय वार पाठ्यक्रम के साथ तालमेल करके सीखने के प्रतिफलों को प्राप्त करने के लिए मैट्रिक्स विकसित करना ।

5. सभी विद्यार्थियों के सीखने के स्तर पर नजर रखना और समय-समय पर स्कूल आधारित आकलन के संचालन  को सुनिश्चित करना ।

6. शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के निरंतर क्षमता निर्माण पर ध्यान देना ।

7. आजीवन सीखने की मजबूत नीव  के निर्माण के लिए सभी शिक्षकों अभिभावकों छात्रों और समुदाय को शामिल करना ।

FLN के अंतर्गत स्कूल रेडीनेस

स्कूल रेडीनेस का का मतलब है कि प्रत्येक बच्चा स्कूल में प्रवेश करने के लिए तैयार है और शुरुआती सीखने के अनुभवों से लाभान्वित है जो छात्र की सफलता को बढ़ावा देते हैं । स्कूल रीडीनेस शिक्षा की गुणवत्ता और समानता सुनिश्चित करने के साथ-साथ सीखने के परिणाम में सुधार का आधार है।

Readiness का कार्य क्षेत्र

1. शारीरिक गत्यात्मक कौशल:- इसमें छात्र का शारीरिक और गत्यात्मक विकास शामिल है।

2. संज्ञानात्मक कौशल:- इसमें धारणा, ध्यान, स्मृति और तर्क, छात्र की सीखने की क्षमता का निर्धारण करता है।

कुछ शब्द संक्षेप

1.HW -- Health and Wellbeing

2.EC   -- Effective Communitor

3.IL.   -- Involved Learner

FLN के अंतर्गत आकलन

1.साप्ताहिक आकलन,

2.आवधिक आकलन, 

3.स्पॉट एसेसमेंट,

4.वार्षिक आकलन ।

आवधिक आकलन:-10,20,30 वे सप्ताह में(1 day+2day= आकलन पत्रक पर कार्य एवं ट्रेकर ब समूह निर्माण 1,2,3  पुनर्वलन 3,4,5,6 day को)

FAQs -----------

प्रश्‍न.  FLN का लक्ष्य कब तक का है ?

उत्तर.- FLN  का लक्ष्य है कि 2026-27 तक सभी बच्चों द्वारा मूलभूत साक्षरता एवं संख्या का ज्ञान को हासिल कर लेना है |

प्रश्‍न.FLN क्या है ?

उत्तर -FLN भारत सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 के निपुण भारत मिशन के अंतर्गत आरंभ किया गया एक कार्यक्रम है । 

प्रश्‍न. FLN का फुल फॉर्म क्या है हिंदी में ?

उत्तर -मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता

प्रश्‍न. FLN का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर - Foundational Literacy and Numeracy

प्रश्‍न. FLN का मुख्य उद्देश्य क्या हे ?

उत्तर -FLN का मुख्य उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास करना है

प्रश्‍न.NIPUN का फुल फॉर्म क्या है ?

उत्तर -National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding and Numeracy

प्रश्‍न.NEP का फुल फॉर्म क्या है ?

उत्तर -National Education Policy (राष्ट्रीय शिक्षा नीति)

प्रश्‍न. बुनियादी साक्षरता क्या है ?

उत्तर -विद्यार्थी का लिखना,पढ़ना,बोलना,व्याख्या करना एवं अर्थ समझने में सक्षम होना ही बुनियादी साक्षरता है ।

प्रश्‍न. बुनियादी संख्यात्मकता  क्या है ?

उत्तर -विद्यार्थी संख्यात्मक और विश्लेषण का उपयोग करके दिन धन प्रतिदिन की गणितीय समस्याओं को हल करने में सक्षम होता ही बुनियादी संख्यात्मकता  हैं ।

प्रश्‍न. CCPA का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर -Concept(अबधारणा का परिचय ) Concrete(मूर्त /ठोस ) Pictorial(चित्रात्मक ) Abstract(अमूर्त )

प्रश्‍न. ECCE का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर -Eary Childhood Care And Education (बचपन की पहली देखभाल और शिक्षा )

प्रश्‍न. साक्षरता विकास के घटक कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- 1. मौखिक भाषा 2.ध्वनि जागरूकता 3.वर्ण ज्ञान 4.शब्द भंडार 5.धारा प्रवाह पठन 6.समझ 7.लेखन 8.स्वतंत्र पठन समय

प्रश्‍न. साक्षरता के मुख्य घटक कौन से हैं?

उत्तर- सुनना,बोलना, पढ़ना, लिखना ।

प्रश्‍न.गणित के आयाम कौन से हैं?

उत्तर . संख्या पूर्ण अवधारणा, संख्या और तुलना, संक्रियाएं,आकृतियों की समझ, पैटर्न, आंकड़ों का संकलन, मापन, मुद्रा ।

प्रश्‍न. FLN की समय सारणी अनुसार हिन्दी,

अंग्रेजी, गणित का कालखंड कितने मिनट का है?

Ans. हिन्दी (90मिनट),अंग्रेजी (70मिनट),गणित (70मिनट)

प्रश्‍न.FLN अंतर्गत कितने प्रकार के आकलन हैं?

उत्तर- चार प्रकार के आकलन हे,साप्ताहिक आकलन, आवधिक आकलन, स्पॉट एसेसमेंट, वार्षिक आकलन।

प्रश्‍न.HPC का फुल फॉर्म \

उत्तर- Holistic Progress Card

प्रश्‍न.FLN की शिक्षक संदर्शिका में कितने सप्ताह की पाठ योजना दी गई है।

उत्तर- 30 (पूर्व में 32 सप्ताह)।

प्रश्‍न.नई शिक्षा नीति किस पैटर्न पर आधारित हे ?

उत्तर-यह नीति 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है। इस पैटर्न को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया गया है:

फाउंडेशनल स्टेज (5 वर्ष):

3 साल की प्री-स्कूल शिक्षा (आंगनवाड़ी/बालवाड़ी),2 साल की प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 और 2)

(खेल आधारित और गतिविधि आधारित शिक्षा, प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मकता पर जोर)

प्रिपरेटरी स्टेज (3 वर्ष):-

कक्षा 3 से 5(प्रयोगात्मक शिक्षा, विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान,और मानविकी पर जोर)

मिडल स्टेज (3 वर्ष):-

कक्षा 6 से 8 (विषय आधारित पाठ्यक्रम, और कौशल विकास, कोडिंग और व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत)

सेकेंडरी स्टेज (4 वर्ष):-

कक्षा 9 से 12 (व्यापक विषय चयन, क्रिटिकल थिंकिंग, विश्लेषण और बहु-विषयक शिक्षा)

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