What Is Scaffolding In Learning | शिक्षा में स्कैफोल्डिंग क्या हे |
स्कैफोल्डिंग का शाब्दिक अर्थ मचान या ढांचा निर्माण है। भवन बनाते समय ऊपर के भाग तक पहुंचने के लिए मचान या बांस आदि का ढांचा तैयार किया जाता है, जिसे स्कैफोल्डिंग या मचान कहते हैं।
मचान एक ऐसी शिक्षण पद्धति को संदर्भित करता है जहां शिक्षक छात्रों को एक नई अवधारणा कौशल सीखने और विकसित करने के लिए एक विशेष प्रकार की सहायता प्रदान करते हैं।
रूसी मनोवैज्ञानिक लिव वाइगोत्सकी का स्कैफोल्डिंग का सिद्धांत बालक को उपलब्ध कराई जाने वाली सामाजिक सहायता से संबंधित है । किसी भी कार्य को करने में बालक की सहायता या सामाजिक सहायता ही स्कैफोल्डिंग है।
इस सिद्धांत के अनुसार स्कैफोल्डिंग का शाब्दिक अर्थ मचान या ढांचा निर्माण है। भवन बनाते समय ऊपर के भाग तक पहुंचने के लिए मचान या बांस आदि का ढांचा तैयार किया जाता है, जिसे स्कैफोल्डिंग या मचान कहते हैं।
मचान एक ऐसी शिक्षण पद्धति को संदर्भित करता है जहां शिक्षक छात्रों को एक नई अवधारणा कौशल सीखने और विकसित करने के लिए एक विशेष प्रकार की सहायता प्रदान करते हैं।
रूसी मनोवैज्ञानिक लिव वाइगोत्सकी का स्कैफोल्डिंग का सिद्धांत बालक को उपलब्ध कराई जाने वाली सामाजिक सहायता से संबंधित है । किसी भी कार्य को करने में बालक की सहायता या सामाजिक सहायता ही स्कैफोल्डिंग है।
इस सिद्धांत के अनुसार स्कैफोल्डिंग अस्थाई होती है। जब बालक प्रशिक्षित हो जाता है अथवा सीख जाता है तो स्कैफोल्डिंग की आवश्यकता नहीं रह जाती है। अर्थात जब सामाजिक सहायता की आवश्यकता नहीं रह जाती है
तो स्कैफोल्डिंग ( सहायता) बंद की जा सकती है। अस्थाई होती है। जब बालक प्रशिक्षित हो जाता है अथवा सीख जाता है तो स्कैफोल्डिंग की आवश्यकता नहीं रह जाती है। अर्थात जब सामाजिक सहायता की आवश्यकता नहीं रह जाती है तो स्कैफोल्डिंग ( सहायता) बंद की जा सकती है।
शिक्षा में स्कैफोल्डिंग इसका उपयोग केसे किया जाता हे |
स्कैफोल्डिंग की एक व्यवस्थित प्रक्रिया मैं करूं, हम करें, आप करें ।
I Do ( में करू )
We Do (हम करे )
You Do (आप करे)
किसी भी नए कौशल के शिक्षण के लिए स्काफफोल्डिंग की एक व्यवस्थित प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इस प्रक्रिया के प्रारंभ में शिक्षक का सहयोग अधिकतम होता है, जो धीरे-धीरे घटता जाता है और अंत में बच्चे स्वतंत्र रूप से कार्य करने लगते हैं।
इसे तीन चरणों में रख सकते हैं।
प्रथम चरण:- मैं करूं।
शिक्षक नए कौशलों को स्वयं करके दिखाते हैं अथवा बच्चों को नए कौशल की अवधारणा,अर्थ अथवा तरीका खुद से ही समझाते है।
द्वितीय चरण:-हम करे |
बच्चे ब शिक्षक एक साथ मिलकर अभ्यास का कार्य करते हैं।
तृतीय चरण:-आप करे।
बच्चे स्वयं से सीखी गई या समझी गई दक्षता का अभ्यास करते हैं | इसमें शिक्षक की मदद कम होती है । हालांकि जरूरत के अनुसार मदद की जा सकती है।
स्कैफोल्डिंग की मुख्य विशेषताएं
1. शिक्षक द्वारा निर्देशन:- शिक्षक छात्रों को स्पष्ट निर्देश और उद्देश्यों को बताते हैं ताकि भी यह समझ सकें कि उन्हें क्या करना है और क्यों करना है।
2. मॉडलिंग :-शिक्षक उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और यह दिखाते हैं कि किसी कार्य को कैसे पूरा किया जा सकता है । यह छात्रों को समझने और देखने में मदद करता है कि किसी कर को कैसे किया जाना चाहिए।
3.सहयोग:- शिक्षक और छात्र मिलकर काम करते हैं। शिक्षक धीरे-धीरे अपने योगदान को कम करते हैं और छात्रों को अधिक स्वायत्तता प्रदान करते हैं।
4. प्रतिक्रिया;- शिक्षक छात्रों को नियमित रूप से फीडबैक प्रदान करते हैं ताकि वे अपनी गलतियों को समझ सकें और उन्हें सुधार कर सकें।
5 स्वतंत्र अभ्यास:- अंत में छात्रों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे अपने ज्ञान और कौशल का स्वतंत्रता से प्रयोग कर सकें।
स्कैफोल्डिंग का उद्देश्य:-
इसका प्रमुख उद्देश्य यह है कि छात्र स्वतंत्र रूप से और आत्मविश्वास से जटिल कार्यों और समस्याओं को हल कर सकें, जबकि प्रारंभिक समर्थन उनके सीखने सिखाने की प्रक्रिया को सुगम बनता है।
स्कैफोल्डिंग की उपयोगिता
स्कैफोल्डिंग बालक के अधिगम तथा भाषा के अधिगम में बहुत ही उपयोगी है पूर्व प्राथमिक स्तर पर बिना स्कैफोल्डिंग के बच्चे का सीखना काफी कठिन होता है | स्कैफोल्डिंग न केवल अधिगम प्रक्रिया को सहज सरल बनाती है बल्कि बालकों के निष्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालती है इस प्रकार सहारा मिलने से बालक के व्यवहार में वांछित बदलाव आते हैं अंकों के ज्ञान, लेखन, भाषा शिक्षण के पठन व लेखन दोनों के अधिगम में बालक को सहारे की आवश्यकता पड़ती है
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