भारत के राष्ट्रीय प्रतीक | National Symbols of India |


 भारत के राष्ट्रीय प्रतीक | National Symbols of India |

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश की समृद्ध संस्कृति इतिहास और विविधता को दर्शाते हैं, यह प्रतीक राष्ट्रीय एकता और गौरव का प्रतीक है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारतीय ध्वज क्रमशः साहस, शांति और उर्बरता  का प्रतिनिधित्व करता है एवं उसके केंद्र में स्थित अशोक चक्र प्रगति और धार्मिकता का प्रतीक है। किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए राष्ट्रीय प्रतीक काफी महत्वपूर्ण है । कोई भी परीक्षा हो चाहे बैंकिंग, एसएससी, पीएससी, यूपीएससी,वीमा, पुलिस भर्ती सहित सभी के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है । भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों की संख्या 17 है। ये प्रतीक भारत की विरासत और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतीक भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व रखते हैं, और देश की पहचान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से हम इन प्रतीकों को जानेगे।




क्र.नाम प्रतिक 
1राष्टीय ध्यज तिरंगा
2राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ
3राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत
4राष्ट्रीय फल आम
5राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम
6राष्ट्रीय गानजनगणमन
7राष्ट्रीय पक्षी मोर
8राष्ट्रीय नदी गंगा
9राष्ट्रीय मुद्रा रुपये
10राष्ट्रीय बृक्ष बरगद
11राष्ट्रीय सब्जी कददू
12राष्ट्रीय जलीय जीवडॉल्फिन
13राष्ट्रीय खेल हॉकी
14राष्ट्रीय फूल कमल
15राष्ट्रीय विरासत पशु हाथी
16राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर
17निष्ठा की शपथ राष्ट्रीय शपथ
भारत के राष्ट्रीय  प्रतिको का विवरण इस प्रकार हे:-
1.राष्ट्रीय प्रतीक :--

राष्ट्रीय प्रतीक। National Emblem ।

भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ से लिया गया है । यह प्रतीक चार शेरों का एक समूह है जो एक दूसरे की ओर मुख किए खड़े हैं । यह शेर शक्ति,साहस, गर्व और विश्वास का प्रतीक माने जाते हैं। अशोक स्तंभ को मूल रूप से सम्राट अशोक ने 250 ईसा पूर्व में बनवाया था और यह सारनाथ में स्थित है। इस प्रतीक को 26 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में अपनाया गया था।(माधव साहनी द्वारा)

राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे की और घोड़े और बैल के बीच में धर्म चक्र (अशोक चक्र) दिखाया गया है, जिसके बीच में लिखा है ‘सत्यमेव जयते’ जिसका अर्थ है ‘सत्य की ही विजय होती है’। अशोक चक्र में 24 तिलिया है जो 24 घंटे और 12 महीना की विशेषता को बताते हैं। अशोक चक्र में बल एवं घोड़ा क्रमशः भारत की कृषि और औद्योगिक संपत्ति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

2.राष्ट्रीय ध्वज :-

राष्ट्रीय ध्वज।National Flag ।

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा इसे 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था इसका डिजाइन पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

राष्ट्रीय ध्वज की प्रमुख विशेषताएं

केसरिया रंग( ऊपरी पट्टी ):-साहस और बलिदान का प्रतीक है 

सफेद रंग (मध्य पट्टी):-सत्य, शांति, पवित्रता का प्रतीक है ।

हरा रंग (निचली पट्टी):- समृद्धि, हरियाली, उर्वरता का प्रतीक है।

अशोक चक्र:-

सफेद पट्टी के बीच में एक नीला चक्र है जिसे अशोक चक्र कहते हैं, इसमें 24 तीलिया होती हैं, और यह है सारनाथ स्थित अशोक के स्तंभ के शीर्ष से लिया गया है, यह धर्म चक्र कानून व प्रगति का सूचक है।

तिरंगे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है। इसे सूर्य उदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है, और कुछ विशेष अवसरों पर रात में भी  फहराया जा सकता है।

3.राष्ट्रीय कैलेंडर :-
भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर शक संवत पर आधारित है। यह कैलेंडर 22 मार्च 1957 को अपनाया गया था और इसे ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ सरकारी उद्देश्यों के लिए उपयोग में लाया जाता है। इस कैलेंडर की शुरुआत शक संवत  के साथ होती है, जो 78 ईसवी से शुरू होता  है।

शक संवत कैलेंडर के महीने और उनके ग्रेगोरियन समकक्ष निम्नलिखित हैं:


चैत्र: 22 मार्च - 20 अप्रैल

वैशाख: 21 अप्रैल - 21 मई

ज्येष्ठ: 22 मई - 21 जून

आषाढ़: 22 जून - 22 जुलाई

श्रावण: 23 जुलाई - 22 अगस्त

भाद्रपद: 23 अगस्त - 22 सितंबर

आश्विन: 23 सितंबर - 22 अक्टूबर

कार्तिक: 23 अक्टूबर - 21 नवंबर

अग्रहायण (मार्गशीर्ष): 22 नवंबर - 21 दिसंबर

पौष: 22 दिसंबर - 20 जनवरी

माघ: 21 जनवरी - 19 फरवरी

फाल्गुन: 20 फरवरी - 20 मार्च

इस कैलेंडर का प्रयोग मुख्य रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है।


4.राष्ट्रीय फल;--
भारत का राष्ट्रीय फल आम है। आम को "फलों का राजा" भी कहा जाता है। यह अपनी मिठास, रस और अद्वितीय स्वाद के कारण बहुत पसंद किया जाता है। आम केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषण के दृष्टिकोण से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें विटामिन ए, सी और डी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
आम की उत्पत्ति भारत में ही हुई मानी जाती है और यह देश के विभिन्न हिस्सों में उगाया जाता है। आम की विभिन्न प्रजातियाँ हैं, जैसे अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा, तोतापुरी आदि, जो अलग-अलग क्षेत्रों में प्रसिद्ध हैं। आम का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जाता है, जैसे कि आम का अचार, आम की चटनी, आमरस, और आम की लस्सी।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम निर्माता देश हे 
भारतीय संस्कृति और परंपरा में आम का महत्वपूर्ण स्थान है, और इसे कई धार्मिक और सांस्कृतिक अवसरों पर उपयोग किया जाता है |
5.राष्ट्रीय गीत:-
भारत का राष्ट्रीय गीत "वन्दे मातरम्" है। इसकी रचना बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने की थी और यह उनके उपन्यास "आनंदमठ" में शामिल है। "वन्दे मातरम्" गीत भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक प्रमुख प्रेरणा स्रोत था और यह आज भी देशभक्ति के प्रतीक के रूप में गाया जाता है।
"वन्दे मातरम्" के प्रथम दो पद आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाए गए हैं। इस गीत की  रचना मूल रूप से  संस्कृत भाषा में है, और इसके बोल इस तरह  हैं:
।वन्दे मातरम्!
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलां मातरम्!
वन्दे मातरम्!
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्!
वन्दे मातरम्!
अर्थ 
मां तुम्हें प्रणाम!
तुम पानी और फलों से समृद्ध हो, और पर्वतीय हवाओं से शीतल हो,
तुम फसलों से हरी-भरी हो, मां तुम्हें प्रणाम!
रात में तुम्हारी रोशनी चांदी की तरह चमकती है,
तुम्हारे पेड़ फूलों से ढके हुए हैं,
तुम हंसमुख और मधुर बोलने वाली हो,
तुम हमें आनंद और वरदान देती हो, मां तुम्हें प्रणाम!
वन्दे मातरम् गीत की धुन रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा बनाई गई थी। इसे 24 जनवरी 1950 को भारत के संविधान सभा ने राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार  किया था।
6.राष्ट्रीय गान:-
भारत का राष्ट्रीय गान "जन गण मन" है। इस गान की रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी। इसे सबसे पहले 27 दिसंबर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था। इस गीत को आधिकारिक रूप से 24 जनवरी 1950 को भारत का राष्ट्रीय गान घोषित किया गया।
"जन गण मन" का मूल बांग्ला में लिखा गया था और इसे हिंदी में अनुवादित किया गया है। इस गान के शब्द और उनके हिंदी अनुवाद इस प्रकार हैं:
जन गण मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता।
पंजाब सिन्धु गुजरात मराठा,
द्राविड़ उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग।
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशीष मागे।
गाहे तव जय गाथा।
जन गण मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता।
जय हे, जय हे, जय हे,
जय जय जय, जय हे।
अनुवाद 
जनता के मन के अधिनायक, आप जयश्री हैं,
आप भारत के भाग्यविधाता हैं।
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा,
द्रविड़, उत्कल और बंगाल।
विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा,
और समुद्र की उठती हुई लहरें।
आपके नाम से जागते हैं,
आपकी आशीष मांगते हैं।
आपके जय गाथा गाते हैं।
जनता के मंगलदायक आप जयश्री हैं,
भारत के भाग्यविधाता हैं।
जय हो, जय हो, जय हो,
जय जय जय, जय हो।
राष्ट्रीय गान को सम्मान व  गर्व के साथ गाया जाता है एवं  इसे पूरा गाने में लगभग 52 सेकंड का समय लगता है।
7.राष्ट्रीय पक्षी:-
मोर को 1963 में भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था। इसके चयन के पीछे मुख्य कारण इसकी व्यापकता, सांस्कृतिक महत्व और इसकी सुंदरता है। इसके रंग-बिरंगे पंख, खासकर इसके अद्वितीय नीले और हरे रंग के पंख, इसे बेहद आकर्षक बनाते हैं। मोर को भारतीय संस्कृति और परंपरा में विशेष स्थान प्राप्त है और यह भगवान कृष्ण और कार्तिकेय के साथ भी जुड़ा हुआ है।
8.राष्ट्रीय नदी:-
भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा है। गंगा नदी भारत की सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण नदियों में से एक है। यह नदी हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी में मिल जाती  है और लगभग 2,525 किलोमीटर की दूरी तय करती है। गंगा नदी का भारत के धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।
गंगा नदी को 4 नवंबर 2008 को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया था। इसके संरक्षण और स्वच्छता के लिए कई योजनाएँ और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे कि 'नमामि गंगे योजना'। इसका  संरक्षण और स्वच्छता भारत सरकार की प्राथमिकताओं में  है।
9.राष्ट्रीय मुद्रा:-
 भारत की राष्ट्रीय मुद्रा रुपये (₹) है। भारतीय रुपये का प्रतीक ₹ है, जिसे 15 जुलाई 2010 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया था। इस प्रतीक को उदय कुमार धरणी ने डिजाइन किया था और इसे देवनागरी 'र' और लैटिन 'R' अक्षर के संयोजन से बनाया गया है, जो भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है।
10.राष्ट्रीय बृक्ष:-
भारत का राष्ट्रीय वृक्ष बरगद (वैज्ञानिक नाम: फाइकस बेंगालेंसिस) है। इसे बड़ या वट वृक्ष भी कहा जाता है। बरगद का वृक्ष भारत में इसकी विशालता, दीर्घायु और छत्रछाया के कारण बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथाओं और धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष स्थान प्राप्त है।
बरगद के वृक्ष को 1950 में भारत का राष्ट्रीय वृक्ष घोषित किया गया था।
11.राष्ट्रीय सब्जी:-
भारत की राष्ट्रीय सब्जी कददू (या कद्दू) है। कददू की कई प्रजातियाँ होती हैं, लेकिन सबसे आम रूप में इसे "पंपकिन"  नाम से भी जाना जाता है। कददू का वैज्ञानिक नाम Cucurbita है और यह तरबूज, खीरा और लौकी जैसी सब्जियों के परिवार का हिस्सा है।
12.राष्ट्रीय जलीय जीव:-
भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन है। विशेष रूप से, गंगा नदी में पाए जाने वाली डॉल्फिन, जिसे गंगा डॉल्फिन (Scientific Name: Platanista gangetica) कहा जाता है, को राष्ट्रीय जलीय जीव के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह डॉल्फिन अपने प्राकृतिक आवासों में लगभग 2,500 किलोमीटर की लंबाई में पाई जाती है और गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, और उनकी सहायक नदियों में निवास करती है।
गंगा डॉल्फिन को 2009 में भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया था। इसके संरक्षण और पुनर्निर्माण के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं, 
13.राष्ट्रीय खेल:-
भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हॉकी को भारत में एक प्रमुख खेल माना जाता है भारत ने हॉकी में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। भारत ने ओलंपिक खेलों में 8 स्वर्ण पदक जीते हैं (1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964, और 1968) और यह हॉकी में सबसे सफल राष्ट्रों में से एक है।
भारत में हॉकी के कई महान खिलाड़ी हुए हैं, जिनमें ध्यानचंद, शंकर लक्ष्मण,  शामिल हैं। ध्यानचंद को हॉकी के जादूगर के रूप में जाना जाता है और उनकी महानता का लोहा पूरी दुनिया मानती है।
14.राष्ट्रीय फूल:-
कमल को 1950 में भारत का राष्ट्रीय फूल घोषित किया गया था। भारत का राष्ट्रीय फूल कमल ( Nelumbo nucifera) है। कमल का फूल भारतीय संस्कृति, धर्म और परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे सौंदर्य, पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है।
15.राष्ट्रीय विरासत पशु:-
हाथी को 2010 में भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु घोषित किया गया था।भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु हाथी (Elephas maximus) है। हाथी को भारत में उसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्वता के कारण इस सम्मानित स्थान पर रखा गया है।
16.राष्ट्रीय पशु:-
बंगाल टाइगर को 1973 में भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया था, भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर (Scientific Name: Panthera tigris tigris) है। यह उप-प्रजाति भारत का प्रमुख और सबसे प्रसिद्ध जंगली पशु है, और इसकी संरचना, शक्ति और सौंदर्य के कारण इसे इस सम्मानित स्थान पर रखा गया है।
17.निष्ठा की शपथ:--
"निष्ठा की शपथ" भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और अन्य सरकारी अधिकारियों द्वारा ली जाती है। यह शपथ अधिकारियों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठा और ईमानदारी से काम करने की प्रतिज्ञा कराती है।
निष्ठा की शपथ आमतौर पर इस प्रकार होती है:
"मैं भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेता/लेती हूँ और मैं भारत के संविधान को समर्थन देने और उसका पालन करने की शपथ लेता/लेती हूँ। मैं अपने कर्तव्यों का निर्वहन सच्चाई और ईमानदारी से करूंगा/करूंगी।"

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक देश की एकता अखंडता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह प्रतीक हमें अपने संस्कृति और इतिहास से जोड़ते हैं और हमें गौरव की भावना से भर देते हैं। इन प्रतीकों का उपयोग विभिन्न राष्ट्रीय उत्सवों और समारोहों में किया जाता है।

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