मध्यप्रदेश बोर्ड (MP बोर्ड) की कक्षा 11 का पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को उनके चुने हुए संकाय (विज्ञान, वाणिज्य, या कला) में गहन अध्ययन का अवसर प्रदान करता है। विज्ञान संकाय में भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और जीवविज्ञान प्रमुख विषय होते हैं। वाणिज्य संकाय में लेखांकन, व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र, और गणित के विकल्प मिलते हैं। कला संकाय में इतिहास, भूगोल, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, और भाषाओं जैसे विषय शामिल हैं। यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए मजबूत नींव देता है और उच्च शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए तैयार करता है। इसके साथ ही, यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायक होता है।
रसायन विज्ञान
[अप्रैल -Unit-1,जून-Unit-1 जुलाई-Unit-2,3 अगस्त -Unit-8,4 सितंबर -Unit-6 अक्टूबर -Unit-5 नवम्बर-Unit-9,7 ]Unit -1 रसायन विज्ञान की मूल अवधारणाएं-[ रसायन विज्ञान का महत्व, द्रव्य की प्रकृति, द्रव्य के गुणधर्म एवं उनके मापन, मापन में अनिश्चितता, रसायनिक संयोजन के नियम, डॉल्टन का परमाणु सिद्धांत, परमाणु द्रव्यमान और आणविक द्रव्यमान, मोल संकल्पना और मोलर द्रव्यमान, प्रतिशत संघटन, स्टॉइकियोमीट्री और स्टॉइकियोमीट्रिक परिकलन। ]
Unit -2 परमाणु संरचना :- [ अवपरमाण्विक कण, परमाणु मौडल, बोर के परमाणु मॉडल के विकास की पृष्ठभूमि, हाइड्रोजन परमाणु के लिए बोर मॉडल, परमाणु के क्याटम यांत्रिकीय मॉडल की ओर, परमाणु का क्वांटम यांत्रिकीय मॉडल।
Unit -3 तत्वों का वर्गीकरण एवं गुणों में आवर्तिता -[ तत्यों का वर्गीकरण क्यों आवश्यक है, आवर्त सारणी की उत्पत्ति, आधुनिक आवर्त-नियम तथा आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप, 100 से अधिक परमाणु क्रमांक वाले तत्वों का नामकरण, तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास तथा आवर्त सारणी, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास और तत्वों के प्रकार (s.p.d.f. ब्लॉक), तत्वों के गुणधर्मों में आवर्तिता। ]
Unit -4 रासायनिक आबंधन तथा आण्विक संरचना - [ रासायनिक आबंधन की कॉसेल-लुइस आवधारणा, आयनिक वा वैद्युत संयोजी आबंध, आबंध प्राचल, संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत, संयोजकता आबंध सिद्धांत, संकरण, आण्विक कक्षक सिद्धांत, समनाभिकीय द्विपरमाणुक अणुओं में आबंधन, हाइड्रोजन आबंधन। ]
Unit -5 रासायनिक ऊष्मागतिकी-[ऊष्मागतिकी के तकनीकी शब्द, अनुप्रयोग, AU एवं AH का मापनः कैलोरीमिती, अभिक्रिया के लिए एन्थैल्पी परिवर्तन, AU अभिक्रिया एन्थैल्पी, विभिन्न प्रकार के अभिक्रिया के लिए एन्थेल्पी, स्वतः प्रवर्तिता, गिब्ज ऊर्जा परिवर्तन एवं साम्यावस्था। ]
Unit -6 साम्यावस्था- [ भौतिक प्रक्रमों में साम्यावस्था, रासायनिक प्रक्रमों में साम्यावस्था-गतिक साम्य, रासायनिक साम्यावस्था का नियम तथा साम्यावस्था स्थिरांक, समांग साम्यावस्था, विषमांग साम्यावस्था, साम्यावस्था स्थिरांक के अनुप्रयोग, साम्यावस्था स्थिराक K अभिक्रिया भागफल तथा गिब्ज ऊर्जा G में संबंध, साम्य को प्रभावित करने वाले कारक, विलयन में आयनिक साम्यावस्था, अम्ल, क्षारक एवं लवण, अग्लो एवं क्षारकों का आयनन, बफर विलयन, अल्पविलेय लवणों की विलेयता ,साम्यावस्था ]
Unit -7 अपचयोपचय अभिक्रियाएं [ विलेयता साम्यावस्था। अपचयोपचय अभिक्रियाएं, इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण अभिकियोंओं के रूप में अपचयोपचय अभिक्रियाएं, ऑक्सीकरण संख्या, अपचयोपचन अभिक्रियाएँ तथा इलेक्ट्रोड प्रक्रम। ]
Unit-8 कार्बनिक रसायनः कुछ आधारभूत सिद्धांत तथा तकनीके:-[ सामान्य प्रस्तावना, कार्बन की चतुर्सयोजकता, कार्बनिक यौगिकों की आकृतियां, कार्बनिक यौगिक का संरचनात्मक निरूपण, कार्बनिक यौगिकों का वर्गीकरण, कार्बनिक यौगिकों की नाम पद्धति, समावययता, कार्बनिक अभिक्रियाओं की किया विधि में मूलभूत संकल्पनाएँ, कार्बनिक यौगिकों की शोधन की विधियां, कार्बनिक यौगिकों का गुणात्मक विश्लेषण, मात्रात्मक विश्लेषण।]
Unit -9 हाईड्रोकार्बन-[ वर्गीकरण, ऐल्केन, एल्कीन, एल्काइन, ऐरोमेटिक, हाइड्रोकार्बन, कैंसरजन्य गुण तथा विषाक्तता। ]
भौतिक शास्त्र
अध्याय 1. मात्रक एवं मापन- भूमिका, मात्रकों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली, सार्थक अंक, भौतिक राशियों की विमाएं, विमीय सूत्र एवं विमीय समीकरणें, विमीय विश्लेषण एवं इसके अनुप्रयोग।
अध्याय 2. सरल रेखा में गति- भूमिका, तात्क्षणिक वेग एवं चाल, त्वरण, एकसमान त्वरण से गतिमान वस्तु का शुद्धगतिकी सबंधी समीकरण
अध्याय 3. समतल में गति- भूमिका, अदिश एवं सदिश, सदिशों की वास्तविक संख्या से गुणा, सदिशों का संकलन व व्यवकलन-ग्राफी विधि, सदिशों का वियोजन, सदिशों का योग- विश्लेषणात्मक विधि, किसी समतल में गति, किसी समतल में एकसमान त्वरण में गति, प्रक्षेप्य गति, एकसमान वृत्तीय गति।
अध्याय 4. गति के नियम- भूमिका, अरस्तू की भ्रमकता, जडत्व का नियम, न्यूटन का गति का प्रथम नियम, न्यूटन का गति का द्वितीय नियम, न्यूटन का गति का तृतीय नियम, संवेग-संरक्षण, किसी कण की साम्यावस्था, यांत्रिकी में सामान्य बल, वर्तुल (वृत्तीय गति), यांत्रिकी में समस्याओं को हल करना।
अध्याय- 5. कार्य ऊर्जा और शक्ति- भूमिका, कार्य और गतिज ऊर्जा की धारणाः कार्य ऊर्जा प्रमेय, कार्य, गतिज ऊर्जा, परिवर्ती बल द्वारा किया गया कार्य, परिवर्ती बल के लिए कार्य-ऊर्जा प्रमेय, स्थितिज ऊर्जा की अभिधारणा, यांत्रिकी ऊर्जा का संरक्षण, किसी स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा, शक्ति, संघट्।
अध्याय 6. कणों के निकाय तथा घूर्णी गति- भूमिका, द्रव्यमान केन्द्र, द्रव्यमान केन्द्र की गति, कणों के निकाय का रेखीय संवेग, दो सदिशों का सदिश गुणनफल, कोणीय वेग और इसका रेखीय वेग से संबंध, बल आघूर्ण एवं कोणीय संवेग, दृढ़ पिण्डों का संतुलन, जड़त्व आघूर्ण, अचल अक्ष के परितः शुद्ध घूर्णी गतिकी, अचल अक्ष के परितः घूर्णी गतिकी, अचल अक्ष के परितःघूर्णी गति का कोणीय संवेग।
अध्याय 7. गुरुत्वाकर्षण- भूमिका, केप्लर के नियम, गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम, गुरुत्वीय नियतांक, पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी के पृष्ठ के नीचे तथा ऊपर गुरुत्वीय त्वरण, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा, पलायन चाल, भू-उपग्रह, कक्षा में गतिशील उपग्रह की ऊर्जा।
अध्याय 8. ठोसों के यांत्रिक गुण- भूमिका, प्रतिबल तथा विकृति, हुक का नियम, प्रतिबल विकृति वक्र, प्रत्यास्थता गुणांक, द्रव्यों के प्रत्यास्थ व्यवहार के अनुप्रयोग,
अध्याय 9. तरलों के यांत्रिकी गुण- भूमिका, दाब, धारारेखी प्रवाह, बर्नूली का सिद्धांत, श्यानता, पृष्ठ तनाव।
अध्याय 10. द्रव्य के तापीय गुण- भूमिका, ताप तथा ऊष्मा, ताप मापन, आदर्श गैस समीकरण तथा परम ताप, तापीय प्रसार, विशिष्ट ऊष्मा धारिता, ऊष्मामिति, अवस्था परिवर्तन, ऊष्मा स्थानांतरण, न्यूटन का शीतलन नियम अध्याय 11. ऊष्मागतिकी- भूमिका, तापीय साम्य, ऊष्मागतिकी का शून्य कोटि नियम, ऊष्मा आंतरिक ऊर्जा तथा कार्य, ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम्, विशिष्ट ऊष्मा धारिता, ऊष्मागतिकीय अवस्था चर तथा अवस्था का समीकरण, ऊष्मागतिकीय प्रकम्, ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम, उत्क्रमणीय व अनुत्क्रमणीय प्रक्रम, कार्नो इंजन।
अध्याय 12. अणुगति सिद्धांत- भूमिका, द्रव्य की आण्विक प्रकृति, गैसों का व्यवहार, आदर्श गैसों का अणुगति सिद्धांत, ऊर्जा के समविभाजन का नियम, विशिष्ट ऊष्मा धारिता, माध्य मुक्त पथ।
अध्याय 13. दोलन- भूमिका, दोलन और आवर्ती गति, सरल आवर्त गति, सरल आवर्त गति तथा एकसमान वर्तुल गति, सरल आवर्त गति में वेग तथा त्वरण, सरल आवर्त गति के लिए बल का नियम, सरल आवर्त गति में ऊर्जा, सरल आवर्त गति निष्पादित करने वाले कुछ निकाय।
अध्याय 14. तरंगें- भूमिका, अनुप्रस्थ तथा अनुदैर्ध्य तरंगे, प्रगामी तरंगों में विस्थापन संबंध, प्रगामी तरंग की बाल, तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धांत, तरंगों का परावर्तन, विस्पंदें।
गणित
अध्याय-1 समुच्चय भूमिका, समुच्चय और उनका निरूपण, रिक्त समुच्चय, परिमित और अपरिमित समुच्चय, समान समुच्चय, उपसमुच्चय, सार्वत्रिक समुच्चय, वेन आरेख, समुच्चयों पर संक्रियाएँ, समुच्चय का पूरक
अध्याय-2 संबंध एवं फलन भूमिका, समुच्चयों का कार्तीय गुणन, संबंध, फलन
अध्याय-3 त्रिकोणमितीय फलन त्रिकोणमितीय फलन भूमिका, कोण, त्रिकोणमितीय फलन, दो कोणों के योग और अंतर का त्रिकोणमितीय फलन |
अध्याय 4 सम्मिश्र संख्याएँ और द्विघातीय समीकरण भूमिका, सम्मिश्र संख्याएँ, सम्मिश्र संख्याओं का बीजगणित, सम्मिश्र संख्या का मापांक और संयुग्मी, आर्गंड तल और ध्रुवीय निरूपण
अध्याय-5 रैखिक असमिकाएँ भूमिका, असमिकाएँ, एक चर राशि के रैखिक असमिकाओं का बीजगणितीय हल और उनका आलेखीय निरूपण
अध्याय-6 क्रमचय और संचय भूमिका, गणना का आधारभूत सिद्धात, क्रमचय, संचय
अध्याय-7 द्विपद प्रमेय भूमिका, धन पूर्णांकों के लिए द्विपद प्रमेय
अध्याय-8 अनुक्रम तथा श्रेणी भूमिका, अनुक्रम्, श्रेणी, गुणोत्तर श्रेणी, समांतर माध्य तथा गुणोत्तर माध्य के बीच संबंध अध्याय-9 सरल रेखाएँ भूमिका, रेखा की ढाल, रेखा के समीकरण के विविध रूप, एक बिंदु की रेखा से दूरी
अध्याय 10 शंकु परिच्छेद भूमिका, शंकु के परिच्छेद, वृत्त, परवलय दीर्घवृत्त, अतिपरवलय
अध्याय-11 त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय भूमिका, त्रिविमीय अंतरिक्ष में निर्देशांक्ष और निर्देशांक-तल, अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक, दो बिंदुओं के बीच की दूरी
अध्याय-12 सीमा और अवकलज भूमिका, अवकलजों का सहजानुभूत बोध, सीमाएँ, त्रिकोणमितीय फलनों की सीमाएँ, अवकलज
अध्याय-13 सांख्यिकी भूमिका, प्रकीर्णन की माप, परिसर, माध्य विचलन, प्रसरण और मानक विचलन
अध्याय-14 प्रायिकता घटना, प्रायिकता की अभिगृहीतीय दृष्टिकोण
जीव विज्ञान
1.जीव जगत में विविधता- 1. जीव जगत 2. जीव जगत का वर्गीकरण 3. वनस्पति जगत 4. प्राणी जगत
2.पादप एवं प्राणियों में संरचनात्मक संगठन- 5. पुष्पी पादपों की आकारिकी 6. पुष्पी पादपों का शरीर 7. प्राणियों में सरंचनात्मक संगठन
3.कोशिका: संरचना एवं कार्य- 8. कोशिका जीवन की इकाई 9. जैव अणु 10. कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन
4.पादप कार्यकीय (शरीर क्रियात्मकता) 11. उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण 12. पादप में श्वसन 13. पादप वृद्धि एवं परिवर्धन
5.मानव शरीर विज्ञान - 14. श्वसन और गैसों का विनिमय 15. शरीर द्रव तथा परिसंचरण 16. उत्सर्जी उत्पाद एवं उनका निष्कासन 17. गमन एवं संचलन 18. तंत्रिकीय नियंत्रण एवं समन्वय 19. रासायनिक समन्वय तथा एकीकरणमाध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल पाठ्यक्रम के लिए यहाँ क्लिक करे