Saral Hindi Grammer | सरल हिंदी व्याकरण |

 Saral Hindi Grammer | सरल  हिंदी व्याकरण |

हिन्दी व्याकरण  

हिन्दी व्याकरण किसी भी भाषा को सही ढंग से बोलने, लिखने और समझने का नियमबद्ध तरीका है। इसमें वर्ण, शब्द, वाक्य और उनके प्रयोग के नियमों का अध्ययन किया जाता है। हिन्दी व्याकरण मुख्य रूप से **वर्णमाला, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, कारक, वाच्य, लिंग, वचन, उपसर्ग, प्रत्यय, समास, सन्धि, विराम चिह्न** आदि से मिलकर बना है। व्याकरण भाषा की शुद्धता बनाए रखता है और स्पष्ट अभिव्यक्ति में सहायक होता है। सही व्याकरण के बिना भाषा में अशुद्धियाँ आ सकती हैं, जिससे अर्थ का अनर्थ हो सकता है। इसलिए हिन्दी व्याकरण का ज्ञान भाषा के सही प्रयोग के लिए अत्यंत आवश्यक है। 

हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) भाषा की शुद्धता और स्पष्टता बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां हिंदी व्याकरण की पूर्ण जानकारी दी गई है।

  हिन्दी व्याकरण भाषा को सही ढंग से लिखने, पढ़ने और समझने के नियम निर्धारित करता है। यह भाषा की शुद्धता और स्पष्टता बनाए रखने में मदद करता है। हिन्दी व्याकरण के प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं:  

1. वर्ण :

-भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है। हिन्दी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण होते हैं।  

स्वर (Vowels) – 13 

  अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः  

व्यंजन (Consonants) – 36  

  क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ, ड, ढ, ण, त, थ, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स, ह, क्ष, त्र, ज्ञ 

2. शब्द :-
- शब्दों का निर्माण स्वरों और व्यंजनों से होता है। शब्द तीन प्रकार के होते हैं:  

1. रूढ़ शब्द – जो मूल रूप में होते हैं (जैसे, पानी, घर, नदी)।  
2. यौगिक शब्द – दो या अधिक शब्दों के मिलने से बनते हैं (जैसे, रेलगाड़ी, चंद्रमा)।  
3. योगरूढ़ शब्द – दो शब्द मिलकर नया अर्थ देते हैं (जैसे, चतुर्भुज, दशरथ)।  
3. संज्ञा (Noun):
-संज्ञा उस शब्द को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नाम हो।  
संज्ञा के प्रकार:  
1. व्यक्ति वाचक संज्ञा – राम, गंगा, भारत  
2. जातिवाचक संज्ञा – आदमी, नदी, शहर  
3. भाववाचक संज्ञा – प्रेम, ईमानदारी, दुख  
4. समूहवाचक संज्ञा – झुंड, सेना, भीड़
5.द्रव्यवाचक   संज्ञा -- सोना,पानी 
4. सर्वनाम (Pronoun
संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।  
सर्वनाम के प्रकार:  
1. पुरुषवाचक सर्वनाम – मैं, तुम, वह  
2. निजवाचक सर्वनाम – स्वयं, अपना  
3. संबंधवाचक सर्वनाम – जो, वह  
4. अनिश्चितवाचक सर्वनाम – कोई, कुछ  
5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – कौन, क्या  

5. विशेषण (Adjective)  
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।  
विशेषण के प्रकार:  
1. गुणवाचक विशेषण – अच्छा, सुंदर  
2. संख्यावाचक विशेषण – तीन, दूसरा  
3. परिमाणवाचक विशेषण – थोड़ा, ज्यादा  
4. संबंधवाचक विशेषण– भारतीय, कृष्ण का  

6. क्रिया (Verb) 
जो शब्द किसी कार्य के होने या करने का बोध कराते हैं, उन्हें क्रिया कहते हैं।  
क्रिया के प्रकार: 
1. सकर्मक क्रिया– पढ़ना, खाना  
2. अकर्मक क्रिया– सोना, जाना  
3. सहायक क्रिया– है, था, रहे  
7. क्रियाविशेषण (Adverb)
जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं।  
उदाहरण:- धीरे, जल्दी, अच्छे से  

8. लिंग (Gender) 

हिन्दी में दो प्रकार के लिंग होते हैं:  
1. पुल्लिंग – लड़का, घोड़ा  
2. स्त्रीलिंग – लड़की, घोड़ी  

9. वचन (Number)

दो प्रकार के होते हैं:  
1. एकवचन– पुस्तक, बच्चा  
2. बहुवचन– पुस्तकें, बच्चे  

10. कारक (Case) 

वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का जो संबंध क्रिया से होता है, उसे कारक कहते हैं।  
कारक के प्रकार:  
1. कर्तृ कारक – राम ने खाया।  
2. कर्म कारक – खाना खाया।  
3. करण कारक– चाकू से काटा।  
4. सम्प्रदान कारक – माँ को दिया।  
5. अपादान कारक – घर से बाहर गया।  
6. संबंध कारक – भाई का घर।  
7. अधिकरण कारक – कुर्सी पर बैठा।  

11. समास (Compound Words) 
दो शब्द मिलकर नया शब्द बनाते हैं, इसे समास कहते हैं।  
समास के प्रकार:  
1. तत्पुरुष समास – जलपान (जल + पान)  
2. द्वंद्व समास – राम-लक्ष्मण  
3. द्विगु समास– चारपाई  
4. बहुव्रीहि समास– नीलकंठ  
5. अव्ययीभाव समास – सुबह-सुबह
12. संधि (Word Joining)  
दो शब्दों के मेल से स्वर, व्यंजन या विसर्ग के परिवर्तन को संधि कहते हैं।  
संधि के प्रकार:  
1. स्वर संधि – गाय + इक = गायक  
2. व्यंजन संधि – लघु + उक्ति = लघुक्ति  
3. विसर्ग संधि – दुः + ख = दुख  
13. वाच्य (Voice) 
क्रिया के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं:  
1. कर्तृ वाच्य – राम खाना खाता है।  
2. कर्म वाच्य – खाना राम के द्वारा खाया जाता है।  
3. भाव वाच्य – खाना खाया जाता है।  
14. उपसर्ग और प्रत्यय 
- उपसर्ग – जो शब्द के पहले लगते हैं (जैसे, प्रति, अति)  
- प्रत्यय – जो शब्द के अंत में जुड़ते हैं (जैसे, ता, पन)  
15. विराम चिन्ह (Punctuation Marks) 
वाक्य को सही ढंग से लिखने के लिए विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।  
1. पूर्ण विराम (।) – वाक्य समाप्ति  
2. अल्पविराम (,) – वाक्य में ठहराव  
3. प्रश्नवाचक (?) – प्रश्न पूछने के लिए  
4. उद्गार चिन्ह (!) – आश्चर्य, भाव