Hook Technique | शिक्षण की हुक तकनीक |
शैक्षणिक विधियों के अंतर्गत हम शिक्षण कार्य में उपयोग की जाने वाली विभिन्न विधियों की चर्चा करेंगे, इसी क्रम में आज हम शिक्षण की हुक तकनीक (hook technique) के बारे में जानेंगे ।शिक्षा में “हुक” एक तकनीक होती है जिसका उपयोग शिक्षकों द्वारा पाठ की शुरुआत में विद्यार्थियों की रुचि और ध्यान को आकर्षित करने के लिए किया जाता है । का उद्देश्य छात्रों को विषय के प्रति उत्साह करना और उनकी जिज्ञासा को जागृत करना है
हुक शब्दों का ऐसा समूह है जिसमें एक या दो वाक्य हो सकते हैं । हुक का उपयोग लेखन में बहुत पुराना है साहित्य में इसका उपयोग पाठकों की रुचि या उत्सुकता बनी रहे एवं पाठकों का ध्यान इसी पर केंद्रित रहे । इसलिए इसका प्रयोग किया जाता है ।
हुक तकनीक क्या होती है ?
शिक्षा के क्षेत्र में भी हुक का प्रयोग हुक तकनीक के रूप में किया जाने लगा है। इसलिए इसको हुक तकनीक कहा जाता है । जिसमें रुचि अनुसार विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए किसी पाठ या कहानी का परिचय वस्तुओं,आंकड़े,तथ्यों और प्रश्नों के माध्यम से किया जाता है । इनका प्रयोग हुक के रूप में किया जाता है ।
उद्देश्य :-
किसी किसी पाठ के प्रति विद्यार्थियों में रुचि या जिज्ञासा उत्पन्न करना जिससे उनका ध्यान पाठ पर केंद्रित रहे ।
हुक कैसा होना चाहिए? |What Should Be The Hook|
हुक ऐसा होना चाहिए कि वह विद्यार्थियों का पूरा ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सके एवं विद्यार्थी पूरी तरह पाठ में लीन हो जाए तभी आपका हुक सफल माना जाएगा उसे पाठ के मूल से जुड़ा हुआ होना चाहिए ।
यह किस प्रकार किया जाना चाहिए ?
1. छात्रों की रुचि के अनुसार हुक का चयन करें :- हुक का चयन करते समय यह देखें कि हूं के विषय वस्तु से संबंधित हो एवं हुक को अप्लाई करने में समय भी ज्यादा ना लगे ।
2. पाठ की विषय वस्तु पर विचार करें :-पाठ की विषय वस्तु विद्यार्थियों के पूर्व ज्ञान और रुचियां के बारे में गहराई से विचार करने से हुक के बारे में सोचने में मदद मिलती है
हुक बनाने के लिए निम्न बिंदुओं पर विचार कर सकते हैं ।
* क्या पाठ की विषय वस्तु दैनिक जीवन में प्रयोग होती है यदि हां तो कैसे?
*मुझे इस विषय वस्तु में क्या अच्छा या रोचक लगता है?
* क्या मैं इस विषय वस्तु को किसी ऐसी चीज से जोड़ सकता हूं जिसमें विद्यार्थियों की रुचि पहले से ही है?
हुक तकनीक(hook technique) के प्रयोग के दौरान ध्यान रखने वाले बिंदु ।
1. हुक ऊर्जावान और आशावादी होना चाहिए ।
2. हुक हर पाठ में हो यह आवश्यक नहीं है।
3. हुक की अवधि को उसकी गुणवत्ता से न जोड़े कभी-कभी 10 सेकंड का हुक 3 मिनट के हुक से बेहतर काम कर सकता है।
4. यह ध्यान रखें की हुक दो या तीन मिनट से ज्यादा का ना हो यह केवल पाठ का छोटा सा भाग है जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में रुचि वह जिज्ञासा बढ़ाना होता है ।
5.यदि किसी पाठ को दूसरे दिन भी पढ़ाया जा रहा है तो पिछले दिन के पाठ को हुक के रूप में लिया जा सकता है
हुक के प्रकार एवं उदाहरण
1.कहानी या कविता सुनाना:- विद्यार्थीयो को कहानी पसंद होती है । एक छोटी कहानी बनाए या कविता सुनाएं जो पाठ से जुड़ती हो या दैनिक जीवन में इसके महत्व को दर्शाती हो। इससे छात्रों की रुचि बढ़ जाती है और वे पाठ को ध्यान से सुनाने लगते हैं।
उदाहरण:- विभिन्न भौगोलिक स्थान में विद्यार्थी स्कूल कैसे जाते हैं, इस पर एक कहानी सुनाना परिवहन के विभिन्न साधनों पर पाठ शुरू करने का एक रोमांचक तरीका हो सकता है । परिवहन के विभिन्न साधनों के बारे में जिज्ञासा पैदा करें और चर्चा करें कि परिवहन के साधन किसी विशिष्ट स्थान की जलवायु और भू-भाग पर कैसे निर्भर होते हैं।
यदि शिक्षक साहित्य का पाठ पढ़ा रहे हैं तो वह किसी प्रसिद्ध लेखक की रोचक जीवन घटना या कहानी सुना सकते हैं । इससे छात्रों की रुचि बढ़ जाती है और वह पाठ को ध्यान से सुनाने लगते हैं।
2. पाठ की विषय वस्तु से संबंधित रोचक तथ्य आंकड़े बताना:- बच्चों को अपने आसपास के समुदाय एवं दुनिया के बारे में नए-नए तथ्य जानना पसंद होता है। एक ऐसे तथ्य को चुनने का प्रयास करें जो विशिष्ट, आश्चर्यजनक या भावनात्मक रूप से सुदृढ हो । सुनिश्चित करें कि इस तथ्य को पाठ के प्रकरण से जोड़ना आसान है । अन्यथा, यह विद्यार्थियों को आसंबंधित बातचीत शुरू करने का अवसर दे सकता है।
उदाहरण:- विद्यार्थियों को पानी के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताकर जल चक्र पर पाठ शुरू कर सकते हैं जैसे पानी तीन रूपों में मौजूद रहता है- द्रव(पानी), ठोस(बर्फ) और गैस(वाष्प)। फिर आप जल चक्र का निर्माण करके विभिन्न चरणों के माध्यम से पानी की यात्रा के बारे में बात करने के लिए पाठ को जारी रख सकते हैं।
भूगोल की कक्षा में शिक्षक एक आश्चर्यजनक तत्व प्रस्तुत कर सकते हैं जैसे क्या आप जानते हैं कि माउंट एवरेस्ट हर साल लगभग 4 mm ऊंचा हो रहा है, इस तरह के तथ्यों से छात्रों की रुचि जागृत होती है।
3. प्रश्न पूछना( परिवेश और पाठ से संबंधित):- विद्यार्थियों को अपने विचार और मत देना काफी पसंद होता है,विशेषकर उन विन्दुओं पर जो उनके समुदाय या जीवन के अनुभवों से या पहले से सीखी गई बात या पूर्व ज्ञान से जुड़ी हो । पाठ के विषय वस्तु के बारे में सोचे और विद्यार्थियों से उनके विचार और मत ले । यह पता लगाने की भी अच्छी रणनीति है कि विद्यार्थी विषय वस्तु के बारे में पहले से क्या जानते हैं या क्या सोचते हैं।
गणित की कक्षा में शिक्षक एक चुनौती पूर्ण और सोचने पर मजबूर करने वाला प्रश्न पूछ सकते हैं, जैसे “क्या आप बता सकते हैं कि अगर आपके पास ₹100 हैं और आपको हर दिन 10% ब्याज मिलता है तो 1 साल बाद आपके पास कितने रुपए होंगे”।
उदाहरण:- विद्यार्थियों को शामिल करने के लिए चीजों को वास्तविक जीवन के संदर्भ में रखना और इसे व्यक्तिगत बनाना एक शानदार तरीका होता है। आप विद्यार्थियों से वनोन्मूलन (वन नाशक)जैसे विषय पर प्रस्ताव की पक्ष और विपक्ष में बहस करने के लिए कह सकते हैं । इससे विद्यार्थियों को पाठ में विस्तार से विषय वस्तु के बारे में सीखने से पहले अपने विचार या पूर्व ज्ञान को स्पष्ट करने में मदद मिलती है।
4. किसी ऑडियो वीडियो फोटो या वस्तु का प्रयोग करना:- किसी विषय वस्तु को पढ़ने के लिए उसे पाठ से संबंधित वस्तु या वीडियो ऑडियो फोटो दिखाया जा सकता है वीडियो का चयन करते समय सुनिश्चित करें कि पाठ के महत्वपूर्ण भाग अथवा अवधारणा के अनुरूप हो अनुरूप ही उसका चयन किया गया है।
उदाहरण:- विषय पर वीडियो क्लिप( जैसे ज्वालामुखी विस्फ़ोट या वीनस फ्लाईट्रैप द्वारा भोजन प्राप्त करना) तुरंत विद्यार्थियों की रुचि को जागृत करता है और इस विषय वस्तु पर आगे की चर्चा के लिए विद्यार्थियों की जिज्ञासा और प्रेरणा को बढ़ाता है।
इतिहास की कक्षा में शिक्षक ऐतिहासिक घटनाओं की तस्वीर या वीडियो दिखा सकते हैं, जैसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान के दुर्लभ चित्र अथवा वीडियो । यह छात्रों के विषय के प्रति उत्साहित करता है और उन्हें सीखने में मदद करता है।
5. किसी चुनौती या पहेली का उपयोग करना:- विद्यार्थियों को कार्य पूरा करने की चुनौती दें। छात्रों के कार्य करने के दौरान कक्षा में छात्रों के पास जाकर देखें कि विद्यार्थी किन चरणों से कर पूरा कर रहे हैं । विद्यार्थी कहां पर गलती कर रहे हैं और उन्हें कहां अवधारणा समझने में गलती हुई है या कठिनाई आ रही है । विद्यार्थियों को यह बताएं कि कैसे यह विषयवस्तु व नई जानकारी उनका कार्य की चुनौती को हल करने में मार्ग दिखा सकती है।
उदाहरण:- विद्यार्थियों का पसंदीदा मौसम क्या है, इस पर एक सर्वेक्षण लेकर जल्दी से बार ग्राफ पर एक पाठ शुरू कर सकते हैं । फिर विद्यार्थियों से इस डाटा को प्रदर्शित करने के तरीकों के बारे में सोचने के लिए कह सकते हैं। यह डाटा बार ग्राफ और सूचना का प्रतिनिधित्व करने के पैमाने की व्याख्या करने के लिए एक रुचिकर हुक हो सकता है।
6.प्रयोग दिखाना:- विज्ञान की कक्षा में शिक्षक एक छोटे से प्रयोग का प्रदर्शन कर सकते हैं जैसे पानी और तेल का मिश्रण क्यों अलग-अलग परते बनाता है ? यह दिखाने से छात्रों की जिज्ञासा बढ़ती है और वे समझने के लिए उत्सुक होते हैं।
7.संगीत या कविता:- भाषा की कक्षा में शिक्षक एक प्रसिद्ध कविता या गीत गाकर पाठ की शुरुआत कर सकते हैं। जैसे सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता ‘वह तोड़ती पत्थर को सुनाना’
8. चार्ट या चित्रण:- शिक्षा गणित की कक्षा में एक चित्रण या चार्ट का उपयोग कर सकते हैं जो किसी जटिल अवधारणा को सरल तरीके से समझाता हो।जैसे त्रिकोणमिति में विभिन्न प्रकार के कोण।
9. डेमोंसट्रेशन अथवा रोल प्ले:- जैसे सामाजिक विज्ञान की कक्षा में शिक्षक किसी ऐतिहासिक घटना को रोल प्ले के माध्यम से प्रस्तुत कर सकते हैं।
10. प्रश्नावली:- जैसे समाजशास्त्र की कक्षा में शिक्षक छात्रों से एक छोटी सी प्रश्नावली भरवा कर उनकी राय को जान सकते हैं, जैसे आपके अनुसार किस सामाजिक मुद्दे पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
हुक के लाभ
1. ध्यान केंद्रित करना:-हुक का उपयोग करने से छात्रों का ध्यान जल्दी से पाठ पर केंद्रित हो जाता है, और वह पाठ की शुरुआत में ही सक्रिय हो जाते हैं।
2. रूचि बढ़ाना:-यह छात्रों की रुचि को बढ़ाता है और उन्हें उत्साहित भी करता है, जिससे वे सीखने के प्रति अधिक समर्पित हो जाते हैं।
3 जिज्ञासा उत्पन्न करना:-हुक का उद्देश्य छात्रों की जिज्ञासा को जगाना होता है, जिससे वे विषय के बारे में अधिक जानने के लिए प्रेरित होते हैं।
4. सीखने में सुधार :-जब छात्र किसी विषय में रुचि लेते हैं, तो उनकी समझ और ज्ञान में सुधार होता है, जिससे वह अधिक प्रभावित ढंग से सीख पाते हैं।
5. सक्रिय भागीदारी:-हुक का उपयोग करने से छात्र सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और सीखने की प्रक्रिया में संलग्न रहते हैं।
शिक्षा में हुक एक प्रभावी तकनीक है जो शिक्षण को अधिक रोचक, प्रभावी और छात्र केंद्रित बनती है । इससे न केवल छात्रों का ध्यान आकर्षित होता है, बल्कि उनकी जिज्ञासा और सीखने की प्रेरणा की बढ़ती है।
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