CRR (Cash Reserve Ratio) क्या होता है? परिभाषा, उद्देश्य व परीक्षा उपयोगी जानकारी

 

CRR (Cash Reserve Ratio) क्या होता है? परिभाषा, उद्देश्य व परीक्षा उपयोगी जानकारी

📘 CRR (Cash Reserve Ratio) क्या है?

CRR का पूरा नाम है Cash Reserve Ratio, जिसे हिंदी में नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं। यह वह न्यूनतम राशि है जो प्रत्येक बैंक को अपने कुल जमा (Net Demand and Time Liabilities - NDTL) का एक निश्चित प्रतिशत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास नकद के रूप में रखना होता है।

🎯 उद्देश्य:

  • बैंकिंग प्रणाली में तरलता (Liquidity) को नियंत्रित करना।
  • मुद्रास्फीति (Inflation) को काबू में रखना।
  • आर्थिक स्थिरता बनाए रखना।

🔍 कैसे काम करता है?

यदि किसी बैंक के पास ₹100 करोड़ जमा हैं और RBI ने CRR 4.5% निर्धारित किया है, तो उस बैंक को ₹4.5 करोड़ नकद के रूप में RBI के पास रखना होगा।

📌 वर्तमान दर (2025):

CRR वर्तमान में: 4.5% (RBI द्वारा समय-समय पर बदला जा सकता है)

📈 CRR बढ़ाने/घटाने का असर:

  • CRR बढ़ेगा ➤ बैंकों के पास कम पैसा ➤ कर्ज महंगा ➤ मांग में कमी ➤ मुद्रास्फीति नियंत्रित।
  • CRR घटेगा ➤ बैंकों के पास ज्यादा पैसा ➤ कर्ज सस्ता ➤ मांग में वृद्धि ➤ आर्थिक विकास को बढ़ावा।

📚 परीक्षा में क्यों महत्वपूर्ण?

  • UPSC, MPPSC, SSC, Banking आदि परीक्षाओं में CRR से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • समसामयिक अर्थव्यवस्था और मौद्रिक नीति को समझने के लिए यह अत्यंत आवश्यक शब्द है।