FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) क्या है? | आसान भाषा में सम्पूर्ण जानकारी

 

FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) क्या है? | आसान भाषा में सम्पूर्ण जानकारी

🌐 FDI (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) क्या है?

FDI (Foreign Direct Investment) का मतलब है किसी विदेशी कंपनी या व्यक्ति द्वारा किसी दूसरे देश में स्थित कंपनी में सीधे पूंजी निवेश करना। इसका उद्देश्य उस देश की अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक भागीदारी बनाना होता है।

🔹 मुख्य विशेषताएं:

  • लंबी अवधि के लिए निवेश
  • निवेशक का कंपनी के प्रबंधन में भाग
  • स्थानीय रोजगार और टेक्नोलॉजी का विकास
  • कंपनी में 10% या उससे अधिक की हिस्सेदारी

📌 उदाहरण:

अगर अमेरिका की कोई कंपनी भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलती है और उसमें पूंजी लगाती है, तो वह FDI कहलाएगा।

📊 भारत में FDI का महत्त्व:

  • आर्थिक विकास को गति
  • नई नौकरियों का सृजन
  • तकनीकी विकास और नवाचार
  • विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि

🛡️ भारत में FDI नीति:

भारत में FDI दो तरीकों से होती है:

  • स्वचालित मार्ग (Automatic Route): सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं।
  • सरकारी मार्ग (Government Route): सरकार की मंजूरी आवश्यक होती है।

📚 परीक्षाओं के लिए नोट्स:

  • FDI और FII (Foreign Institutional Investment) में अंतर पूछे जाते हैं।
  • FDI से जुड़े वर्तमान आंकड़े UPSC/MPPSC में उपयोगी होते हैं।
  • भारत में FDI प्राप्त करने वाले शीर्ष क्षेत्र: सेवा क्षेत्र, दूरसंचार, कंप्यूटर हार्डवेयर/सॉफ्टवेयर।
📌 डिस्क्लेमर: इस पृष्ठ पर दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। हमने सामग्री को सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है ताकि छात्र एवं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले इसे आसानी से समझ सकें। हालांकि, किसी विषय की आधिकारिक या अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित सरकारी या प्रामाणिक स्रोतों से पुष्टि अवश्य करें।