राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 | National Education Policy 2020 | NEP 2020 |

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 | National Education Policy 2020 | NEP 2020 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020-21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है जिसका लक्ष्य हमारे देश के विकास के लिए अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना है राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रत्येक व्यक्ति में नेट रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर जोर देती है यह नीति सिद्धांत पर आधारित है कि शिक्षा सेवा केवल साक्षरता और संख्या जैसी संख्या ज्ञान जैसी बुनियादी क्षमताओं के साथ-साथ उच्च स्तर की तार्किक और समस्या समाधान संबंधी संज्ञानात्मक क्षमताओं का विकास होना चाहिए बल्कि नैतिक सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी व्यक्ति का विकास होना चाहिए नंबर वन वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70 भी बैठक में 2030 सतत विकास हेतु एजेंट द के तहत सदस्य देशों द्वारा 17 विकास लक्ष्य अंगीकृत किए गए हैं इनमें एक लक्ष्य समावेशी और न्याय संगत गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथी सभी को सीखने का अवसर प्रदान करना है जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से प्राप्त करने की मंशा है नंबर दो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 20 को घोषित किया गया है वर्ष 1986 में जारी हुई नई शिक्षा नीति के लगभग 34 साल बाद भारतीय शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन किया गया है यह नीति अंतरिक्ष वैज्ञानिक के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित है

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 | National Education Policy 2020 | NEP 2020 |

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विजन

  1. राष्ट्रीय शिक्षा का विजन भारतीय मूल्य से विकसित शिक्षा प्रणाली है जो सभी को उच्चतर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराकर और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनकर एक जीवंत और न्याय संगत ज्ञान समझ में बदलने के लिए प्रत्यक्ष रूप से योगदान करेगी
  2. पाठ्यचर्या और शिक्षण विधि के माध्यम से छात्रों में अपने मौलिक दायित्वों संवैधानिक मूल्य देश के साथ जुड़ाव और बदलते विश्व में नागरिक की भूमिका और उत्तरदायित्वों की जागरूकता उत्पन्न करें
  3. भारतीय होने का गर्भ न केवल विचार में बल्कि व्यवहार बुद्धि और कार्यों में भी हो और साथी ज्ञान कौशल मूल्य और सच में भी होना चाहिए जो मानवाधिकारों स्थाई विकास और जीवन यापन तथा वैश्विक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हूं ताकि वह सही रूप में विश्व के नागरिक बन सके |

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांत

  1. छात्र की विशिष्ट क्षमताओं की स्वीकृति पहचान और उनके विकास हेतु प्रयास करना एवं शिक्षकों को इन क्षमताओं के प्रति संवेदनशील बनाना जिससे वे छात्र की अकादमिक और अन्य क्षमताओं के विकास पर भी पूरा ध्यान दें ।
  2. साक्षरता और संख्या ज्ञान को सर्वाधिक प्राथमिकता देना जिससे सभी छात्र कक्षा के ज्ञान और सीखने के मूलभूत कौशलों  को हासिल कर सकें ।      
  3. लचीलापन, ताकि शिक्षार्थियों में उनके सीखने के तौर तरीके और कार्यक्रमों को चुनने की क्षमता हो और इस तरह अपनी प्रतिभा और रुचिओ  के अनुसार जीवन में अपना रास्ता चुन सकें ।
  4.   विज्ञान व् कला  के बीच,पाठ्यक्रम व पाठ्येतर गतिविधियों के बीच व्यावसायिक तथा  शैक्षणिक धाराओं  के बीच कोई स्पष्ट भेद  न हों ।
  5. सामाजिक विज्ञान, कला, मानविकी ओर खेल के बीच एक बहू विषयक और समग्र शिक्षा का विकास
  6. बच्चे सिर्फ exam के लिए ही पढाई न करे वल्कि अवधारणा को भी  समझे | 
  7. तार्किक सोच व् रचनात्मकता  और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षा ।                             
  8. नैतिकता, मानवीय और संवैधानिक मूल्य जैसे,सहानुभूति दूसरों के लिए सम्मान, स्वच्छता, शिष्टाचार, लोकतांत्रिक भावना, सेवा की भावना, सार्वजनिक संपत्ति के सम्मान,वैज्ञानिक चिंतन, स्वतंत्रता, जिम्मेदारी, बहुलताबाद, समानता और न्याय के लिए शिक्षा ।
  9. जीवन कौशल के विकास पर केंद्रित जैसे आपसी संवाद,सहयोग,सामूहिक कार्य और लचीलापन ।   
  10. सीखने के लिए सतत मूल्यांकन हो एवं तकनीकी के यथासंभव उपयोग हो 
  11. समस्त पाठ्यक्रम, pedagogy और नीति में स्थानीय संदर्भ की विविधता व्  स्थानीय परिवेश के लिए एक सम्मान ।   
  12. उच्च स्तर का शोध शैक्षिक विशेषज्ञों द्वारा निरंतर अनुसंधान और नियमित मूल्यांकन के आधार पर प्रगति की समीक्षा ।
  13. भारतीय जड़ों और गौरव से बंधे रहना जहां प्रासंगिक लगे वहां भारत की समृद्ध और विविध प्राचीन और आधुनिक संस्कृति और ज्ञान प्रणालियों और परंपराओं को शामिल करना और उससे प्रेरणा पाना |   

 2020 main points

  • अंतरिक्ष वैज्ञानिक।कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता।वाली रिपोर्ट पर यह
  • आधारित है।
  • 2030 सकल नामांकन अनुपात  100% पर लाने का रखा गया है।  
  • शिक्षा क्षेत्र में GDP के 6% सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। 
  •  प्रथम शिक्षा नीतिवर्ष 1968 और दूसरी 1986 में यह तीसरी नीति हे |      

nep2020 के  उद्देश्य

  • मातृभाषा को माध्यमिक स्तर तक प्राथमिकता देना |
  • पूर्व प्री एजुकेशन को 2025 तक यूनिवर्सल बनाना |
  • सकल घरेलू उत्पाद के 6% इससे काव्य करना        
  • उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भारतीय उच्च शिक्षा परिषद नाम की एक एकल    नियामक संस्थान की परिकल    
  • सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना प्राथमिक शिक्षा स्थानीय मातृभाषा में देना 
   राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के   लक्ष्य
  • वंचित समूह क्षेत्र के लिए समावेशी शिक्षा की व्यवस्था करना ।
  • 2030 तक सभी के लिए समावेशी और सामान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना और जीवन पर्यंत शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा दिए जाने का लक्ष्य है ।

nep2020 विशेषताए

  • स्थानीय भाषा या मातृभाषा को प्राथमिकता दी गई है
  •  बहु भाषा बाद व भारतीय भाषाओं को बड़ा बढ़ावा देने पर जोड़ दिया गया है
  •  कक्षा 12वीं तक स्कूली शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना ।
  • राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र की स्थापना                                            
  • यह  संरचना 5 + 3 + 3 + 4 पर आधारित है             
  • 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित  करना ।  
  •   राज विद्यालय मानक प्राधिकरण (SSSA) की स्थापना ।
  • समावेशी एवं समता मूलक शिक्षा प्रदान करना ।       
  •  मूल्यांकन केंद्र parakh (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन समीक्षाऔर ज्ञान का विश्लेषण ) की स्थापना           
  •  मूलभूत साक्षरता व संख्यात्मकता पर एक राष्ट्रीय मिशन की स्थापना ।
  •  विज्ञान एवं कला पाठ्यचर्या एवं पाठ्येतर गतिविधियों के बीच व्यावसायिक और शिक्षक धाराओं के बीच अलगाव नहीं

नई शिक्षा नीति 2020 प्रमुख बिंदु

नई शिक्षा नीति 5 + 3 + 3 + 4 पैटर्न पर आधारित है जिसमें 3 से 18 वर्ष की आयु वाले बच्चों को शामिल किया गया है ।

प्रथम 5 वर्ष फाउंडेशनल  स्टेज (foundational stage) कहलाएगी ( 3 वर्ष का प्री प्राइमरी स्कूल और ग्रेड 1 और 2 ), 3 वर्ष का  prepatratory stage,इसके बाद 3 वर्ष का माध्यमिक चरण ग्रेट 6,7,8 के लिए  इसके पश्चात 4 वर्ष का उच्च माध्यमिक चरणों में जो कक्षा 9,10,11,12 शामिल होंगे |

प्रथम 5 वर्ष फाउंडेशन स्टेज-

जहां प्री प्राइमरी की शिक्षा 3 साल की एवं कक्षा एक और दो कि दो साल तक पढ़ाई की जाएगी बच्चों का नामांकन 3 वर्ष की उम्र  से  होगा | इस स्टेज में बच्चों कोई भी परीक्षा नहीं देनी होगी ।

3 वर्ष का प्री प्रिपरेटरी स्टेज ;-

कक्षा-3,4,5के लिए - इस स्टेज में बच्चों की परीक्षा लेना आरंभ होगा कक्षा 3 के बच्चों को परीक्षा देनी होगी | इस स्टेज तक बच्चों को शिक्षा मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी ।

3 वर्ष का माध्यमिक चरण ;-

कक्षा 6,7,8 के लिए- इस स्टेज में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा दी जाएगी जैसे कंप्यूटर की ट्रेनिंग,.कढ़ाई,बुनाई, सिलाई इत्यादि ।

4 वर्ष का उच्च माध्यमिक चरण ;--

कक्षा 9, 10, 11 एवं 12 के लिए- साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स आदि इन सभी स्ट्रीम को हटा दिया गया है मल्टीपल सब्जेक्ट(multipal subject) का प्रावधान किया गया है बच्चा जो विषय पढ़ना चाहता है ले सकता है यदि गणित के साथ भूगोल, इतिहास लेना चाहता है तो ले सकता है ।

  •   कक्षा 9 से 12 की परीक्षा सेमेस्टर पद्धति में होगी प्रत्येक छ माह में परीक्षा होगी एक सेमेस्टर की
  • स्नातक डिग्री 4 वर्ष की होगी जिसमें निम्न अनुसार प्रमाण पत्र दिया जाएगा

      - प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के बाद स्नातक प्रमाण पत्र दिया  जाएगा ।

  - 2 वर्ष की पढ़ाई करने के बाद इस नॉट ग्ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रमाण पत्र दिया जाएगा

    - 3 वर्ष की पढ़ाई करने के बाद स्नातक डिग्री प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।

     - 4 वर्ष पढ़ाई करने पर शोध स्नातक प्रमाण पत्र दिया जाएगा ।           

  • Ph. D 4  वर्ष की होगी |  
  • पीजी कोर्स एक या दो वर्ष का होगा (स्नातक यदि 3 वर्ष तक किया है तो पीजी कोर्स 2 वर्ष का होगा और यदि स्नातक 4 वर्ष तक किया है तो पीजी कोर्स 1 वर्ष का होगा )
  •  बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर एक राष्ट्रीय मिशन (National mission on foundational literacy and numeracy) की स्थापना का प्रस्ताव है इसके द्वारा 2025 तक कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए आधारभूत कौशल सुनिश्चित किया जाएगा ।                                                   

पाठ्यक्रम एवं मूल्याकन

NCERT (national council of educational research and traning ) द्वारा स्कूल शिक्षा के लिए राष्ट्रीय  पाठ्यक्रम रूपरेखा  (national curricular framework for school education) तेयार की जाएगी |

  • कक्षा -6 से ही व्यावसायिक शिक्षा को शामिल किया जायेगा सात ही इसमें इंटर्नशिप की व्यवस्था भी की जाएगी |
  • कला और विज्ञान ,शेक्षणिक विषयो एवं पाठ्यक्रम व् पाठ्येतर गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं होगा ।
  • परख नामक राष्ट्रीय आकलन केंद्र की स्थापना की जाएगी जो छात्रों की प्रगति  के मूल्यांकन के लिए मानक निर्धारक निकाय होगा सेमेस्टर प्रणाली को अपनाया जाएगा

  पीएम श्री स्कूल:- NEP 2020 के तहत यह एक केंद्र की योजना है इस योजना का उद्देश्य न्याय संगत समावेशी और मनोरंजन स्कूली वातावरण में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करना है यह देश भर के सरकारी स्कूलों के उन्नयन और विकास के लिए शुरू की गई योजना है यह योजना सितंबर 2022 में शुरू की गई

निष्ठा निष्ठा योजना(NISHTHA):-नेशनल इनीशिएटिव फॉर स्कूल हैंड्स एंड टीचर्स हॉलिस्टिक एडवांसमेंट (national initiative for school heads and teacher s holistic advancement) यह भारत में शिक्षकों और स्कूल प्रधान अध्यापकों के लिए एक क्षमता निर्माण का कार्यक्रम है ।

NCF योजना:--3 वर्ष से 8 वर्ष की आयु के बच्चों हेतु बच्चों हेतु खेल आधारित अध्ययन की खेल आधारित अध्ययन की शिक्षण सामग्री हेतु  मूलभूत  चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा ( national curriculum framework for foundational stage)  की शुरुआत की गई है ।

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FAQs

Q.1 नई शिक्षा नीति किस पैटर्न पर आधारित हे |

Ans.यह नीति 5+3+3+4 पैटर्न पर आधारित है। इस पैटर्न को निम्नलिखित चरणों में विभाजित किया गया है:

फाउंडेशनल स्टेज (5 वर्ष):

3 साल की प्री-स्कूल शिक्षा (आंगनवाड़ी/बालवाड़ी)

2 साल की प्राथमिक शिक्षा (कक्षा 1 और 2)

(खेल आधारित और गतिविधि आधारित शिक्षा, प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मकता पर जोर)

प्रिपरेटरी स्टेज (3 वर्ष):

कक्षा 3 से 5

(प्रयोगात्मक शिक्षा, विज्ञान, गणित, कला, सामाजिक विज्ञान, और मानविकी पर जोर)

मिडल स्टेज (3 वर्ष):

कक्षा 6 से 8 (विषय आधारित पाठ्यक्रम, और कौशल विकास, कोडिंग और व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत)

सेकेंडरी स्टेज (4 वर्ष):

कक्षा 9 से 12 (व्यापक विषय चयन, क्रिटिकल थिंकिंग, विश्लेषण और बहु-विषयक शिक्षा)

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