ओजस" यूथ क्लब
शासकीय हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलो में 14-18 वर्ष की उम्र के विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। इस आयु में शरीर, व्यक्तित्व, बुद्धि और सामाजिक दृष्टिकोण विकसित होते है। विद्यार्थी उचित मार्गदर्शन के अभाव में गलत संगत में भी पड़ सकते हैं।
ऐसा देखा गया है कि अक्सर अर्थपूर्ण गतिविधियां और बड़ों की उचित निगरानी के अभाव में विद्यार्थियों के पास समय व्यतीत करने के लिये कुछ विशेष नहीं होता है। ऐसे में वे अपने संगी-साथियों के साथ उद्देश्य-विहीन इधर-उधर घूमते-फिरते है और अक्सर जोखिम भरी गलत गतिविधियों में संलग्न हो जाते है। इससे संवेदनशील किशोर-किशोरियों और युवा मानस पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
अतः विद्यार्थियों को शाला समय के पश्चात् उनकी रूचियों को विकसित करने और मार्गदर्शन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रत्येक शाला में यूथ क्लब का गठन करने का निर्णय लिया गया है। इस यूथ क्लब को "ओजस" के नाम से जाना जाएगा।
उद्देश्य "ओजस" यूथ क्लब
1. छात्रो को ऐसे अवसर उपलब्ध कराना जिससे वे खाली समय में स्वस्थ व सकारात्मक कार्यों में व्यस्त रह सके
और अपनी भावात्मक बौद्धिक और शारीरिक पहचान की खोज को बेहतर ढंग से कर सकें।
2. विद्यार्थियों को स्कूल के समय से पहले एवं इसके बाद में सार्थक और उत्पादक गतिविधियों में संलग्न करना।
3. स्कूल के बाद विद्यार्थियों को मेंटरिंग करना, उन्हें गलत रास्तों पर चलने से रोका जा सके और उन्हें स्वस्थ एवं अच्छा मार्गदर्शन व सामाजिक समर्थन मिल सके।
4. विशिष्ट गतिविधियों का आयोजन ताकि विद्यार्थियों को उनकी रूचि के क्षेत्र में अपने कौशल को विकसित करने का अवसर मिल सकें।
5. विद्यार्थियों के एक्सट्रा करीकुलर गतिविधियों के विकल्प प्रस्तुत करना।
"ओजस" यूथ क्लब का गठन व योजना -
1. स्कूलों में युवा क्लब का संगठन एक व्यवस्थित एवं निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाएगा शाला के शिक्षक, विद्यार्थी, एवं विशेषज्ञों को मिलाकर युवा क्लब का गठन किया जायेगा। यूथ क्लब में सामान्यतः कक्षा 9 एवं 11 के विद्यार्थियों को लिया जायेगा।
2. स्कूल के सभी शिक्षक और प्राचार्य मिलकर विद्यार्थियों से चर्चा करेंगे। प्राचार्य किसी एक शिक्षक को "ओजस" यूथ क्लब का प्रभारी बनाएंगे। प्रमारी शिक्षक शाला के आसपास स्थापित अच्छे संस्थानों/विशेषज्ञों से संपर्क कर शाला समय के बाद उन्हें विद्यार्थियों के लिए कक्षा संचालन इत्यादि के लिए आमंत्रित करेंगे। ये विशेषज्ञ विद्यार्थियों के लिए शाला समय के बाद कार्स चला सकते हैं जिसमें विद्यार्थियों को संगीत, खेल, कुकिंग, एक्टिंग, स्थानीय लोक कला इत्यादि को सिखा सकते हैं।
3.यूथ क्लब के गठन के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ शाला समय के पश्चात् बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में की जाने वाली गतिविधियों की सूची तैयार की जाएगी इसमें शाला के आसपास स्थापित विशिष्ट केंद्रों/विशेषज्ञों /संस्थानों से हुई चर्चा के आधार पर की जाने वाली गतिविधियों की कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे।
गतिविधियों का आयोजन
1. सामान्यतः गतिविधियों सप्ताह में दो दिन बुधवार एवं शनिवार को आयोजित की जायेगी। आवश्यकतानुसार पालकों एवं विद्यार्थियों की सहमति से रविवार के दिवस भी आयोजित की जा सकेगी।
2. गतिविधियों का आयोजन विद्यालय समय के बाद अथवा विद्यालय समय से पूर्व भी किया जा सकता है। इस पर निर्णय पालकों एवंविद्यार्थियों की सहमति से लिया जा सकता है। सामान्यतः एक दिवस में 1.30 घंटे गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यदि विद्यार्थी और स्कूल चाहे तो समय बढ़ाया जा सकता है। किन्तु यह ध्यान रखा जाये कि दूरदराज से आने वाले विद्यार्थी विशेषकर छात्रायें सूर्यास्त पूर्व अपने घर सुरक्षा पूर्वक पहुँच जायें।