Mp Bhandar Kray Niyam 2015 pdf | मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 | MP Store Purchase Rules की जानकारी |

मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी विभागों और संस्थाओं द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए "मध्य प्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम, 2015" लागू किए हैं, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया है, हाल ही में 2022 और 2023 में। इन नियमों का उद्देश्य सरकारी खरीद में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा, गुणवत्ता और स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा देना है।

 🔍 मुख्य विशेषताएँ

 1. लागू क्षेत्र

ये नियम निम्नलिखित पर लागू होते हैं:

* सभी सरकारी विभाग, पंचायत और नगरीय निकाय

* वे संस्थाएँ जिनमें राज्य सरकार की 50% से अधिक हिस्सेदारी है

* निगम, मंडल, विपणन संघ, सहकारी संस्थाएँ, मंडी बोर्ड आदि

 2. खरीद की विधियाँ:-

* GeM पोर्टल: प्राथमिकता दी जाती है; यदि आवश्यक वस्तु उपलब्ध नहीं है, तो अन्य विधियाँ अपनाई जा सकती हैं।

* MP Tender Portal: निविदाओं के लिए उपयोग किया जाता है।

* प्रत्यक्ष खरीद: कुछ विशिष्ट संस्थाओं से बिना निविदा के खरीद की अनुमति है (नीचे देखें)।

 3. बिना निविदा के खरीद की अनुमति प्राप्त संस्थाएँ:-

राज्य सरकार ने कुछ संस्थाओं को बिना निविदा के सेवाओं की आपूर्ति की अनुमति दी है:

* म.प्र. माध्यम: प्रचार-प्रसार, प्रिंटिंग, ईवेंट मैनेजमेंट

* म.प्र. पर्यटन विकास निगम: केटरिंग, ईवेंट मैनेजमेंट

* म.प्र. पाठ्यपुस्तक निगम: शैक्षणिक पुस्तकें

* म.प्र. इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (MPSEDC): सॉफ्टवेयर विकास, सैटेलाइट इमेज विश्लेषण, ड्रोन सेवाएँ

* CEDMAP: प्रशिक्षण और आउटसोर्सिंग सेवाएँ

* म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन: औषधि और चिकित्सा उपकरण

* म.प्र. स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन: दुग्ध और दुग्ध उत्पाद

4. स्थानीय उद्यमों को बढ़ावा

* विभागों को अपनी कुल खरीद का 25% राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) से करना अनिवार्य है।

* इसमें से 4% अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमियों से और 3% स्वयं सहायता समूहों से खरीदना आवश्यक है;

5.बिना कोटेशन के 50000 रुपये तक की सामग्री क्रय कर सकते हैं।


  🏫 मध्यप्रदेश के विद्यालयों में क्रय प्रक्रिया (Buying Process in Schools - MP)

 📚 नियमन के स्रोत:

* म.प्र. भण्डार क्रय नियम 2015 (MP Store Purchase Rules, 2015)

* समग्र शिक्षा अभियान वित्तीय मैन्युअल

* राज्य शिक्षा केंद्र (RSK) के दिशा-निर्देश

🔹 क्रय की प्रक्रिया – संक्षिप्त रूपरेखा

 1. शुरुआत - योजना निर्माण

* प्रत्येक विद्यालय में वर्ष की शुरुआत में शाला प्रबंधन समिति (SMC/SMDC) की बैठक आयोजित होती है।

* बैठक में विद्यालय की वास्तविक आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया जाता है।

* प्राथमिकता के आधार पर तय किया जाता है कि कौन-सी सामग्री या कार्य आवश्यक हैं।

* सभी निर्णयों को बैठक कार्यवृत्त में दर्ज किया जाता है और उपस्थित सदस्यों से हस्ताक्षर लिए जाते हैं।

2. क्रय का निर्णय और अनुमोदन

* आवश्यक वस्तुओं / सेवाओं की सूची बनाकर समिति द्वारा स्वीकृति प्राप्त की जाती है।

* स्व-सहायता समूह (SHG) से खरीद को प्राथमिकता दी जाती है।

 3. क्रय आदेश और सामग्री प्राप्ति

* दुकानदार को सामग्री का क्रय आदेश (Purchase Order) दिया जाता है।

* सामग्री प्राप्त होने पर अकादमिक समिति द्वारा सत्यापन कराया जाता है।

* भुगतान से पहले सामग्री का पूर्ण सत्यापन जरूरी है।

 5. लेखांकन एवं स्टॉक प्रविष्टि

* सत्यापित सामग्री को भंडार पंजी (Stock Register) में दर्ज किया जाता है।

* दुकानदार से बिल और रसीद प्राप्त कर वाउचर फाइल में संलग्न किया जाता है।

💼 वित्तीय प्रबंधन - विशेष निर्देश

 🔸 प्राथमिक (कक्षा 1-8) विद्यालयों के लिए:

* केवल म.प्र. भण्डार क्रय नियम 2015 के अनुसार क्रय।

* राशि राज्य शिक्षा केंद्र (RSK) से प्राप्त होती है।

🔸 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए:

* क्रय प्रक्रिया समग्र शिक्षा अभियान वित्तीय मैन्युअल के अनुसार।

* राशि लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) से जारी की जाती है।

📌 अन्य महत्वपूर्ण बातें

1.बैठक की आवश्यकता   -- SMDC/SMC बैठक अनिवार्य                        
2.प्राथमिकता                 --- SHG से क्रय को वरीयता                          
3. स्टॉक पंजी               ---- सभी सामग्री का विवरण अनिवार्य                  

 📄 प्रमाण, रिकॉर्ड और नियंत्रण

* वाउचर फाइल में:
* क्रय आदेश की प्रति
* बिल, रसीद, सत्यापन रिपोर्ट
* SMC की बैठक की कार्यवाही प्रति
* उपयोगिता प्रमाण पत्र की मूल प्रति जिला स्तर पर सुरक्षित रखी जाती है।

क्रय की प्रक्रिया –
राज्य शिक्षा केंद्र के दिशा निर्देशों अनुसार यह स्पष्ट किया गया है कि जरूरी नहीं है कि RSK द्वारा सुझाए गए समस्त कार्य हर विद्यालय में हों। शालाओं में कार्य की प्राथमिकता, सामग्री की आवश्यकता और कक्षा के अनुसार निर्णय लिया जाए।

मुख्य बिंदु:


1. सबसे पहले शाला प्रबंधन समिति (SMDC/SMC) की बैठक आयोजित कर विद्यालय की वास्तविक आवश्यकता का आकलन करें।
2. बैठक में तय करें कि किस प्रकार की सामग्री या कार्य आवश्यक है। सभी निर्णयों को कार्यवाही पुस्तिका में दर्ज कर सभी उपस्थित सदस्यों से हस्ताक्षर लें।
3. सामग्री क्रय के पश्चात अकादमिक समिति से सत्यापन कराएं और स्टॉक रजिस्टर में दर्ज करें।
4. यदि सामग्री क्रय आदेश के अनुसार नहीं है तो उसे लौटा दें और आदेशानुसार सामग्री प्राप्त करें।
5. स्व-सहायता समूहों (Self-Help Groups) से क्रय को प्राथमिकता दी जाए।
6.बिना कोटेशन के 50000 रुपये तक की सामग्री क्रय कर सकते हैं
7. विभागीय क्रय समिति द्वारा 50000 से अधिक एवं ढाई लाख से तक व्यय कर सकते हैं
8,. रुपए ढाई लाख से अधिक मूल्य पर खुली निविदा द्वारा क्रय किया जा सकता है

9. भुगतान पश्चात रसीद व बिल सुरक्षित रखें। वाउचर फाइल तैयार करें और सभी सामग्री को स्टॉक पंजी (भंडार रजिस्टर) में दर्ज करें।

 🟨 वित्तीय प्रबंधन संबंधी दिशानिर्देश:


1. कक्षा 1 से 8 तक की एकीकृत शालाएं – मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम का पालन करें।

2. कक्षा 1 से 12 की अन्य शालाएं – समग्र शिक्षा वित्तीय मैनुअल के अनुसार व्यय करें।

3. शालाओं को मिली School Grant की राशि —

   * कक्षा 1 से 5, 6 से 8, या 1 से 8 के लिए – राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा
   * कक्षा 9 से 12 के लिए – लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी की जाती है।

🟦 FAQs

 ❓ प्रश्न 1: मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम क्या है?
उत्तर:- मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 राज्य शासन द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देश हैं, जिनके अनुसार सरकारी विभागों, विशेष रूप से विद्यालयों में सामग्री और सेवाओं की खरीदी की जाती है।

❓ प्रश्न 2: शाला में क्रय प्रक्रिया शुरू करने से पहले क्या करना जरूरी है?
उत्तर:- सबसे पहले शाला प्रबंध समिति (SMDC/SMC) की बैठक आयोजित कर वास्तविक आवश्यकताओं का आकलन करना आवश्यक होता है।


❓ प्रश्न 3: भुगतान की स्वीकृत विधियाँ क्या हैं?

उत्तर: ₹1000 तक की राशि अग्रिम चेक से शिक्षक को दी जा सकती है, परंतु ₹1000 से अधिक की राशि का भुगतान अनिवार्य रूप से अकाउंट पेयी चेक ऑनलाइन बैंकिंग, या RTGS से ही किया जाना चाहिए।

❓ प्रश्न 4: क्या क्रय की गई सामग्री का सत्यापन आवश्यक है?

उत्तर:
हाँ, सामग्री प्राप्त होने के बाद अकादमिक समिति के सदस्यों से उसका सत्यापन कराना अनिवार्य है और फिर उसे स्टॉक रजिस्टर में दर्ज किया जाना चाहिए।


❓ प्रश्न 5: उपयोगिता प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) कौन भेजता है?

उत्तर:
शाला प्रबंध समिति का सचिव या अध्यक्ष निर्धारित प्रारूप में जन शिक्षक के माध्यम से जिला शिक्षा केंद्र एवं जिला शिक्षा अधिकारी को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजते हैं।


❓ प्रश्न 6: क्या स्व-सहायता समूहों से क्रय करना अनिवार्य है?

उत्तर: स्व-सहायता समूहों (SHG) से क्रय करने को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिले और पारदर्शिता बनी रहे।


❓ प्रश्न 7: शाला की खरीद में किन दस्तावेजों का संधारण आवश्यक है?

उत्तर:- वाउचर फाइल, बिल, रसीद, कार्यवाही पुस्तिका, स्टॉक रजिस्टर, और उपयोगिता प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों का सुव्यवस्थित संधारण जरूरी है।


✍️ निष्कर्ष
विद्यालयों में क्रय की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, सहभागिता-आधारित और नियमबद्ध है, जिसमें प्रत्येक कदम पर योजना, सत्यापन, भुगतान और दस्तावेजीकरण शामिल होता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को आवश्यक सामग्री समय पर और उचित गुणवत्ता में मिले तथा कोई वित्तीय अनियमितता न हो।

अधिक जानकारी के लिए देखे मध्यप्रदेश भंडार क्रय नियम 2015 यहां से डाउनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें


✅ Disclaimer

> अस्वीकरण: यह लेख मध्य प्रदेश भंडार क्रय नियमों से संबंधित जानकारी को सामान्य मार्गदर्शन हेतु प्रस्तुत करता है। इसमें दी गई जानकारी आधिकारिक दस्तावेजों, सरकारी वेबसाइटों एवं दिशा-निर्देशों पर आधारित है। कृपया किसी कानूनी या प्रशासनिक निर्णय से पूर्व संबंधित विभाग की आधिकारिक अधिसूचना या नियमावली का अध्ययन अवश्य करें। हम किसी भी त्रुटि या अद्यतन के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।